कौन हैं कैप्टन देवी शरण? जानिए IC 814 फ्लाइट हाइजैकिंग के हीरो की सच्ची कहानी, 187 लोगों की जान ऐसे बचाई जान

भारतीय एयरलाइंस की फ्लाइट 814 काठमांडू से उड़ान भरने के बाद आतंकवादियों द्वारा हाईजैक कर लिया गया. कप्तान देवी शरण ने इस आठ दिन की संकटपूर्ण स्थिति में अपनी शांति बनाए रखी.

दिसंबर के अंत में एक रात, भारतीय एयरलाइंस फ्लाइट 814 ने काठमांडू से उड़ान भरी. इस विमान में नवविवाहित कपल, व्यापारिक लोग, और छुट्टियों का आनंद लेने वाले यात्री सवार थे. विमान के पायलट थे अनुभवी कैप्टन देवी शरण, उनके साथ पहले अधिकारी राजेंद्र कुमार और फ्लाइट इंजीनियर अनिल कुमार जग्गिया थे. लेकिन पांच नकाबपोश आतंकवादियों ने इस उड़ान की दिशा बदल दी, जिनका संबंध अल कायदा से था. अगले आठ दिनों में दुनिया ने गहरी सांसें थामे हुए देखा, जब विमान को उसके तय गंतव्य से हटा दिया गया और आतंकवादियों ने यात्रियों की जानों को खतरे में डाल दिया.

कैप्टन देवी शरण: एक वास्तविक नायक

कैप्टन देवी शरण ने नए साल के पहले दिन की उड़ान के बाद एक परिवार की छुट्टी का इंतजार किया था. लेकिन किस्मत ने कुछ और ही ठान रखा था. आठ दिनों के इस हाइजैकिंग कांड के दौरान, कहा जाता है कि कैप्टन शरण ने अपनी शांत और संयमित स्थिति को बनाए रखा, जानते हुए कि कई जिंदगियां उनके हाथों में हैं.

फ्लाइट 814 को लंबे समय तक चलने वाली हाइजैकिंग की घटना के रूप में जाना जाता है. आतंकवादियों का मुख्य उद्देश्य तीन कुख्यात आतंकवादियों - मौलाना मसूद अजहर, अहमद उमर सईद शेख, और मुस्ताक अहमद जारगर - की रिहाई था. कैप्टन शरण और श्रीनजॉय चौधरी ने इस पूरी घटना पर आधारित पुस्तक 'फ्लाइट इन्टू फियर' लिखी, जो बाद में निर्देशक अनुभव सिन्हा की नेटफ्लिक्स सीरीज़ 'IC 814: द कंधार हाइजैक' का आधार बनी. इस पुस्तक में, कैप्टन शरण ने अपने अनुभव साझा किए, जिसमें उन्होंने अपनी शांति बनाए रखने और निरंतर अनिश्चितता के बीच स्थिरता बनाए रखने के प्रयासों का वर्णन किया.

अभिनेता विजय वर्मा की भावनात्मक प्रतिक्रिया

अभिनेता विजय वर्मा ने नेटफ्लिक्स सीरीज़ में कैप्टन शरण की भूमिका निभाई. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक भावनात्मक नोट लिखा, जिसमें उन्होंने पहली बार कैप्टन शरण से मिलने का अनुभव साझा किया. वर्मा ने लिखा, "जब मैंने पहली बार कैप्टन से मुलाकात की, तो उनकी मुस्कान और सरलता ने मुझे प्रभावित किया. और फिर मैंने उनकी गर्दन पर एक निशान देखा. मैंने उनसे पूछा, तो उन्होंने बस और विनम्रता से कहा, 'वो हाइजैकर्स की बंदूक 7 दिन तक यही रगड़ती रही, इसलिए घाव हो गया था जो ठीक नहीं हुआ.' मैं ठिठक गया. उन्होंने मुस्कान के साथ कहा, और मैंने जाना कि मैं एक सच्चे जीवन के नायक से बात कर रहा हूं. कैप्टन देवी शरण को स्क्रीन पर चित्रित करना मेरे लिए एक बड़ा सम्मान था. उनकी वीरता और धैर्य वास्तव में प्रेरणादायक हैं. हम उन्हें सलाम करते हैं. 🫡 IC814 29 अगस्त से नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीमिंग हो रही है."

इस दर्दनाक और प्रेरणादायक कहानी ने कैप्टन देवी शरण को एक वास्तविक जीवन के नायक के रूप में स्थापित किया है, जिन्होंने अपनी वीरता और धैर्य के साथ कई जिंदगियों को बचाने की कोशिश की.

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