SC on UP Civil Case: 'यूपी में जो हो रहा, वह गलत है': सिविल केस को क्रिमिनल बनाने पर CJI संजीव खन्ना नाराज, जांच अधिकारी को सबक सिखाने की कही बात
सुप्रीम कोर्ट (Photo: Wikimedia Commons)

CJI on UP Civil Case: देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना ने सोमवार (7 अप्रैल 2025) को उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था को लेकर कड़ी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि यूपी में "हर दिन आम सिविल विवादों को आपराधिक मामलों में बदला जा रहा है, यह पूरी तरह से कानून के शासन का पतन है." CJI खन्ना तीन जजों की बेंच की अध्यक्षता कर रहे थे, जिसमें जस्टिस संजय कुमार और के.वी. विश्वनाथन भी शामिल थे,

मामला था दो लोगों, देबू सिंह और दीपक सिंह का, जिन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक केस को रद्द करने से इनकार करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.

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'जांच अधिकारी को कटघरे में खड़ा करो'

जांच अधिकारी को सबक मिलना चाहिए: CJI

इन दोनों पर पहले चेक बाउंस का केस था, लेकिन अचानक उन पर धोखाधड़ी, धमकी और साजिश जैसे आपराधिक आरोप भी लगा दिए गए. वकीलों का कहना था कि केस को जल्दी सुलझाने के लिए इसे जानबूझकर आपराधिक बना दिया गया.

CJI खन्ना ने सख्त लहजे में कहा कि जांच अधिकारी को गवाही के समय गवाह बॉक्स में खड़ा होना चाहिए. उन्हें बताना चाहिए कि कैसे एक सिविल मामले को आपराधिक बना दिया. CJI ने कहा कि यूपी में वकीलों ने जैसे सिविल जूरिस्डिक्शन को भुला ही दिया है.

SC ने आपराधिक कार्यवाही पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी है, लेकिन चेक बाउंस का मामला जारी रहेगा. कोर्ट ने DGP और जांच अधिकारी को दो हफ्तों में हलफनामा दाखिल करने को कहा है, जिसमें उन्हें बताना होगा कि आखिर क्यों सिविल विवाद में आपराधिक कानून लगाया गया.