कोलकाता, 26 अप्रैल: कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल-न्यायाधीश पीठ पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिले के कालियागंज में 17 वर्षीय लड़की के बलात्कार और हत्या की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगी. याचिका पीड़ित परिवार की ओर से दायर की गई है. कलकत्ता हाईकोर्ट के वकील और राज्य भाजपा के लीगल सेल के संयोजक याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश होंगे. यह भी पढ़ें: Violence in Kaliaganj: बंगाल के कालियागंज में हिंसा के सिलसिले में 11 लोगों को हिरासत में लिया गया
इस बीच, मामले की जांच कर रही राज्य पुलिस ने दावा किया है कि पीड़िता का आरोपी बिस्वजीत मंडल (29) के साथ शारीरिक संबंध था, जो एक शादीशुदा व्यक्ति है, जिसके दो बच्चे हैं. जब लड़की आरोपी पर शादी का दबाव बना रही थी तो उसने उसकी हत्या कर दी. बुधवार को पीड़िता के पिता न्यायमूर्ति मंथा की अदालत में पेश हुए और पूरी घटना सुनाई और मामले की सीबीआई जांच पर जोर दिया. इसके बाद, उनकी याचिका को स्वीकार कर लिया गया और न्यायमूर्ति मंथा इसे सुनने के लिए तैयार हो गए.
इस घटना के खिलाफ स्थानीय लोगों के हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद मंगलवार को कालियागंज के कुछ हिस्से युद्ध के मैदान में तब्दील हो गए. गुस्साई भीड़ द्वारा एक स्थानीय पुलिस थाने में आग लगा दी गई, जबकि प्रदर्शनकारियों के हिंसक हो जाने पर कुछ पुलिस वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया। सूत्रों ने कहा कि कुछ पुलिसकर्मियों को मामूली चोटें आई हैं.
गौरतलब है कि 21 अप्रैल को 17 वर्षीय किशोरी का शव कालियागंज की नहर में मिला था. उसके साथ बलात्कार और हत्या का आरोप लगाते हुए, स्थानीय लोगों ने कुछ दुकानों में आग लगाने के अलावा सड़कों को अवरुद्ध कर दिया। स्थिति पर काबू पाने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल को इलाके में भेजना पड़ा. किशोरी के शव को घसीटते हुए देखे गए चार एएसआई को निलंबित कर दिया गया है.
घटनाक्रम को लेकर सियासी घमासान शुरू हो चुका है. तृणमूल कांग्रेस जहां भाजपा पर इस दुखद घटना का अनावश्यक रूप से राजनीतिकरण करने का आरोप लगा रही है, वहीं भगवा खेमे ने आरोप लगाया है कि पुलिस प्रशासन इस घटना को कमतर आंक रहा है.