नई दिल्ली: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh), छत्तीसगढ़ (Chattisgarh) और राजस्थान (Rajasthan) में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में जीत का परचम लहराने बाद कांग्रेस (Congress) की नजर अब साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव (LokSabha Election) पर है. इस चुनावी दंगल में कांग्रेस महागठबंधन के साथ उतरने की तैयारी में है. हालांकि इन तीनों राज्यों में आए विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद यह चर्चा जोरों पर है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को प्रधानमंत्री (Prime Minister) पद का उम्मीदवार बनाया जाए.
हाल ही में डीएमके प्रमुख एम.के. स्टालिन (M.K. Stalin) ने अपने एक बयान में साल 2019 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल गांधी के नाम को प्रस्तावित किया था, लेकिन उनका यह बयान महागठबंधन में शामिल समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को रास नहीं आया और उन्होंने जरा सी भी देर न करते हुए इस पर अपनी असहमति जाहिर कर दी.
अखिलेश यादव के बाद अब पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने पीएम पद के उम्मीदवार पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. पीएम पद के उम्मीदवार को लेकर ममता ने कहा है कि यह वह समय नहीं है, चुनाव आने दो. हम सब दृढ़ता से एक साथ है और एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं. जो भी राजनीतिक दलों का फैसला होगा, वही जवाब होगा.
Mamata Banerjee, West Bengal CM on Prime Ministerial candidate: This is the not the time. Let the election come . We all are strongly together and working together. Whatever all the political parties will decide, will be the answer. pic.twitter.com/A7Y1tG6jRw
— ANI (@ANI) December 19, 2018
बता दें कि इससे पहले सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एम.के. स्टालिन के बयान पर असहमति जताते हुए कहा था कि यह जरूरी नहीं है कि स्टालिन की राय पर गठबंधन के सभी सदस्य एकमत हों.उन्होंने कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर, ममता बनर्जी और शरद पवार ने गठबंधन बनाने के लिए सभी नेताओं को एक साथ लाने का प्रयास किया था. इस प्रयास में अगर कोई अपनी राय दे रहा है, तो जरूरी नहीं है कि गठबंधन की राय समान हो. प्रधानमंत्री पद के नाम पर किसी का भी नाम गठबंधन के सभी नेता तय करें तो बेहतर है. यह भी पढ़ें: सपा मुखिया अखिलेश यादव के इस बयान से विपक्षी एकता को लग सकता है करारा झटका
गौरतलब है कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले देश की राजनीति में ममता बनर्जी को एक अहम शख्सियत के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि हालिया विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद ममता देश में एकमात्र महिला मुख्यमंत्री रह गई हैं. ऐसे में पीएम पद के उम्मीदवार को लेकर ममता का यह बयान बहुत कुछ बयान करता है.