नई दिल्ली, 30 अप्रैल : भाजपा भले ही पश्चिम बंगाल (West Bengal) में सरकार नहीं बना रही है, लेकिन पार्टी ने पूरे राज्य में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर राज्य में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. टाइम्स नाउ/एबीपी न्यूज/ सी वोटर एग्जिट पोल (Exit Poll) के आंकड़ों के अनुसार भगवा पार्टी न केवल राज्य भर में सीटें जीत रही है, बल्कि अपना वोट शेयर भी बढ़ा रही है. एग्जिट पोल के आंकड़ों में भाजपा के वोट शेयर को दिखाया गया है, जो सत्तारूढ़ टीएमसी को चुनौती देता है कि 2016 में 29.2 फीसदी की बड़ी उछाल से 10.2 फीसदी से 2021 में 39.2 फीसदी हो जाएगा. सभी क्षेत्रों में बीजेपी का वोट शेयर बढ़ा है. राज्य के ग्रेटर कोलकाता क्षेत्र में 17 प्रतिशत वोट शेयर के साथ.
दिलचस्प बात यह है कि भाजपा को सबसे ज्यादा वोट टीएमसी से मिल रहे हैं, जिससे भगवा पार्टी को 14 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना है. भाजपा को कांग्रेस-वाम गठबंधन के तीन प्रतिशत वोट भी मिले. आंकड़ों से पता चलता है कि भाजपा को डेल्टा क्षेत्र में 12 फीसदी वोट शेयर मिल रहा है, जबकि टीएमसी को अपने आठ फीसदी वोट का नुकसान हो रहा है और कांग्रेस गठबंधन को चार फीसदी का नुकसान होने की उम्मीद है. हाईलैंड क्षेत्र में, भाजपा को 23 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 24 जीतने का अनुमान है. हाईलैंड क्षेत्र में टीएमसी को 15 प्रतिशत और कांग्रेस को अपने साथी के साथ भगवा पार्टी को आठ प्रतिशत वोट का नुकसान होने की संभावना है. यह भी पढ़ें : Kerala Assembly Election Results 2021: पुथुपल्ली विधानसभा सीट पर कांग्रेस नेता व पूर्व सीएम ओमान चांडी और CPM उम्मीदवार जैक सी थॉमस के बीच कड़ा मुकाबला, जानें कौन मारेगा बाजी?
उत्तरी सीमा में, भाजपा को चुनौती देने वाले को 20 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना है, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन को 29 प्रतिशत का नुकसान हो रहा है. सत्तारूढ़ टीएमसी उत्तरी सीमा क्षेत्र में केवल अपना वोट शेयर बढ़ाने की संभावना वाले क्षेत्र में आठ प्रतिशत वोट शेयर हासिल कर रही है. उत्तरी पहाड़ियों में, भाजपा को 14 प्रतिशत वोट शेयर मिलने का अनुमान है, जिसमें टीएमसी के सात प्रतिशत वोट शेयर और कांग्रेस और उसके सहयोगियों के चार प्रतिशत वोट हैं. दक्षिणी मैदान में, जबकि भाजपा को अपने वोट शेयर में 26 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है, जबकि सत्तारूढ़ टीएमसी को अपना वोट प्रतिशत 17 प्रतिशत कम हो गया है. कांग्रेस ने इस क्षेत्र में अपना नौ प्रतिशत वोट गंवाकर गठबंधन का नेतृत्व किया.