नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित पूरे उत्तर भारत में प्रचंड ठंड का कहर शुरू हो गया है. इसके साथ ही शीतलहर भी अपना असर दिखा रही है. मौसम विभाग ने दिल्ली सहित कई राज्यों में शीतलहर को लेकर अलर्ट जारी किया है. बढ़ती ठंड के साथ कोहरे का कहर भी बढ़ रहा है. उत्तर भारत के कई राज्य घने कोहरे की चपेट में हैं. मौसम विभाग ने बताया कि अगले पांच दिनों में मैदानी इलाकों में घना कोहरा देखने को मिलेगा. Coconut Water In Winter: सर्दियों में पानी कम पीते हैं तो नियमित पीएं नारियल पानी! जानें नारियल पानी पीने के 6 लाभ!
दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ में कोहरे का अटैक होगा तो वहीं हिमाचल, पंजाब और राजस्थान में शीतलहर का कहर देखने को मिलेगा. आईएमडी ने कई उत्तर भारतीय राज्यों में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है. दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब और बिहार समेत उत्तर भारत के राज्यों में भी तापमान में गिरावट दर्ज की गई है.
उत्तर भारत में घने कोहरे की चादर
कम तापमान, उच्च नमी और स्थिर हवाओं के कारण पंजाब, हरियाणा, उत्तर-पश्चिम राजस्थान, पश्चिम व पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में घने से बहुत घने कोहरे की परत बनी हुई है. आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘उपग्रह से ली गई तस्वीरों में पंजाब और उत्तर-पश्चिम राजस्थान से बिहार तक घने कोहरे की परत नजर आ रही है.’’
कोहरे के चलते सड़क व रेल यातायात प्रभावित हुआ. रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि 20 ट्रेन डेढ़ से साढे़ चार घंटे की देरी से चल रही हैं. सुबह साढ़े पांच बजे बठिंडा में दृश्यता का स्तर शून्य मीटर रहा, गंगानगर, चंडीगढ़, गोरखपुर तथा बरेली में 25 मीटर और अमृतसर, चूरू, बहराइच तथा अंबाला में 50 मीटर रहा.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, दृश्यता शून्य मीटर से 50 मीटर के बीच रहने पर ‘बेहद घना कोहरा’, 51 मीटर से 200 मीटर के बीच ‘घना कोहरा’, 201 मीटर से 500 मीटर के बीच ‘मध्यम कोहरा’ और 501 से 1,000 मीटर के बीच ‘हल्का कोहरा’ माना जाता है.
कश्मीर में ‘चिल्लई कलां’ का दौर शुरू
कश्मीर में चिल्लई कलां के रूप में जाना जाने वाला सबसे सर्द मौसम की शुरुआत हो चुकी है. पूरे कश्मीर में भयानक ठंड पड़ रही है. चिल्लई-कलां 40 दिनों का एक दौर होता है जब कश्मीर घाटी शीतलहर की चपेट में आ जाती है और तापमान काफी घट जाता है. इस अवधि में भारी बर्फबारी होती है. चिल्लई- कलां का समापन 30 जनवरी को होगा. उसके बाद भी कश्मीर घाटी में शीतलहर बनी रहती है और फिर 20 दिनों का ‘चिल्लई-खुर्द’ और 10 दिनों का ‘चिल्लई बच्चा’ का दौर रहता है.