PM Narendra Modi unveils the statue of Netaji Subhas Chandra Bose दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गेट (India Gate) पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण किया. प्रतिमा का अनावरण आजाद हिंद फौज के पारंपरिक गीत कदम कदम बढ़ाए जाए की धुन पर हुआ. एक भारत-श्रेष्ठ भारत और अनेकता में एकता की भावना को प्रदर्शित करने के लिए देश के कोने-कोने से आए 500 नर्तकों द्वारा कर्तव्य पथ पर सांस्कृतिक उत्सव प्रदर्शित किया जा रहा है. Central Vista Inauguration: नेताजी सुभाष चंद्र बोस सत्ता के नहीं आज़ादी के भूखे थे, 'कर्तव्य पथ' पर आने वाली कई पीढ़ियां चलेंगी: कंगना रनौत
प्रधानमंत्री को इसकी झलक इंडिया गेट के समीप एम्फीथिएटर पर लगभग 30 कलाकारों द्वारा दिखाई जा रही है. ये कलाकार नासिक ढोल पथिक ताशा द्वारा ड्रमों के संगीत की धुनों पर संबलपुरी, पंथी, कालबेलिया, कारगाम और कच्छी घोड़ी जैसे आदिवासी लोक कला रूपों का प्रदर्शन कर रहे हैं.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा की खास बातें
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा 280 मीट्रिक टन वजन वाले विशाल ग्रेनाइट पत्थर पर उकेरा गया है. इस प्रतिमा को 26,000 घंटे के अथक कलात्मक प्रयासों से अखंड ग्रेनाइट को तराश कर 65 मीट्रिक टन वजन की इस प्रतिमा को तैयार किया गया है. काले रंग के ग्रेनाइट पत्थर से निर्मित 28 फुट ऊंची यह प्रतिमा इंडिया गेट के समीप एक छतरी के नीचे स्थापित की जाएगी.
PM Narendra Modi unveils the statue of Netaji Subhas Chandra Bose beneath the canopy near India Gate
#WATCH दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण किया।
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— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 8, 2022
नेताजी की इस प्रतिमा को पारंपरिक तकनीकों और आधुनिक औजारों का उपयोग करके पूरी तरह हाथों से बनाया गया है. अरुण योगीराज के नेतृत्व में मूर्तिकारों के एक दल ने यह प्रतिमा तैयार की है. प्रतिमा को उसी जगह स्थापित किया जा रहा है, जहां इस साल के प्रारंभ में पराक्रम दिवस (23 जनवरी) के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया था.
इस होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण नेताजी की 125वीं जयंती के अवसर पर किया गया था. 28 फुट ऊंची यह प्रतिमा भारत की विशालतम, सजीव, अखंड पत्थर पर, हाथों से निर्मित प्रतिमाओं में से एक है. ग्रेनाइट के इस अखंड पत्थर को तेलंगाना के खम्मम से 1665 किलोमीटर दूर नयी दिल्ली तक लाने के लिए 100 फुट लंबा 140 पहियों वाला एक ट्रक विशेष तौर पर तैयार किया गया था.