नई दिल्ली: कानपुर के गैंगस्टर और आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर मामले (Vikas Dubey Encounter) की बुधवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. SC में मामले की CBI या SIT जांच की याचिका पर सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा कि विकास दुबे एनकाउंटर मामले से निपटने वाले अधिकारियों की भूमिका और निष्क्रियता की जांच करें. चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने विकास दुबे मामले की जांच कर रहे यूपी सरकार के अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने जांच कमीशन को एक हफ्ते में गठित करने को कहा, जो उसके अगले एक हफ्ते में जांच शुरू कर देगी. कोर्ट ने कहा कि सचिव स्तर के अधिकारी केंद्र सरकार मुहैया कराएगी यूपी सरकार नहीं. सीजेआई ने यूपी सरकार से कहा कि सुनिश्चित करें कि राज्य में ऐसी घटना फिर से नहीं हो. यह भी पढ़ें: विकास दुबे की पत्नी का सनसनीखेज आरोप, कहा- पुलिस ने मेरे पति का इस्तेमाल किया.
SC ने 2 महीने में मांगी रिपोर्ट
Inquiry committee on Vikas Dubey encounter should start functioning within a week; probe be concluded within 2 months: SC
— Press Trust of India (@PTI_News) July 22, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने दो महीने में आयोग को अपनी रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. आयोग मामले के हर पहलू की गंभीरता से जांच करेगा. इस बात की भी जांच हो कि जमानत रद्द करने के क्या प्रयास किए गए थे.
विकास दुबे एनकाउंटर के बाद पुलिस को कानपुर शूटआउट के दूसरे मुख्य आरोपी और विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश दुबे की तलाश जारी है. दीप प्रकाश पर 20 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है. दीप प्रकाश पर कृष्णा नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज है. आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद से ही दीप प्रकाश फरार है. उसकी तलाश में यूपी पुलिस की टीम छापेमारी कर रही है.