मुंबई: मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में एक बड़ा मील का पत्थर 1 अक्टूबर, 2024 को तब हासिल हुआ जब गुजरात के नवसारी जिले के सिसोदरा गांव में नेशनल हाईवे 48 (NH-48) पर 210 मीटर लंबा प्री-स्ट्रेस्ड कंक्रीट (PSC) पुल पूरा हो गया. यह पुल बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो मुंबई और अहमदाबाद के बीच उच्च गति वाली रेल यात्रा को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा. यह प्रोजेक्ट मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (MAHSR) कहलाता है.
पुल की संरचना और विशेषताएं
यह नया पुल NH-48 पर बनाया गया दूसरा PSC बॉक्स-सेगमेंटल पुल है, जिसे बैलेंस्ड कैंटिलीवर विधि से तैयार किया गया है. इस पुल में 72 प्रीकास्ट सेगमेंट शामिल हैं, और इसे चार हिस्सों में विभाजित किया गया है: 40 मीटर + 65 मीटर + 65 मीटर + 40 मीटर. यह पुल बिलीमोरा और सूरत बुलेट ट्रेन स्टेशनों के बीच स्थित है, जो बुलेट ट्रेन की ऊंची वायाडक्ट पर निर्बाध यात्रा सुनिश्चित करता है.
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— Free Press Journal (@fpjindia) October 4, 2024
निर्माण के दौरान चुनौतियाँ
एनएच-48, जो भारत के सबसे व्यस्त राजमार्गों में से एक है, ने पुल के निर्माण के दौरान एक विशेष चुनौती पेश की, क्योंकि यहां भारी यातायात का दबाव था. निर्माण टीम ने सावधानीपूर्वक योजना बनाकर इस पुल को सुरक्षित और सटीक तरीके से पूरा किया. राजमार्ग पर यातायात को बिना रोके पुल के लॉन्चिंग को अंजाम देना एक कठिन कार्य था, लेकिन इसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया.
बुलेट ट्रेन परियोजना में महत्वपूर्ण प्रगति
मुंबई-अहमदाबाद के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन 508 किमी का सफर तीन घंटे में तय करेगी। अभी दुरंतो दोनों शहरों के बीच का सफर साढ़े पांच घंटे में तय करती है. बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की कॉस्ट 1.08 लाख करोड़ रुपए है.
नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन के एक अधिकारी ने कहा, "यह पुल मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो महाराष्ट्र और गुजरात के बीच क्षेत्रीय यात्रा को पूरी तरह से बदलने का वादा करता है." इस परियोजना के साथ, देश में पहली बार इतनी तेज गति वाली ट्रेन चलेगी, जिससे यात्रा का समय और अनुभव दोनों में बदलाव आएगा.
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत बना यह 210 मीटर लंबा पुल न केवल इंजीनियरिंग की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसने भारत के बुनियादी ढांचे के विकास में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ा है. जैसे-जैसे यह परियोजना अपने अंतिम लक्ष्य की ओर बढ़ रही है, यह देश के परिवहन के भविष्य को नई दिशा देने का काम कर रही है.