Uttarkashi Tunnel Rescue: मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन में अब ड्रोन ने दिखाई राह, सुरंग के अंदर के हालात पर यूं रखी जा रही नजर

उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन में ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिसके जरिए सुरंग की स्थिति के बारे में जानकारी ली जा रही है.

Uttarkashi

उत्तरकाशी: सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन में ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिसके जरिए सुरंग की स्थिति के बारे में जानकारी ली जा रही है. अधिकारियों ने शुक्रवार तड़के कहा कि उत्तरकाशी की सिल्कयारा सुरंग में स्थिति पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके लिए बंगलुरु की स्क्वाड्रन इंफ्रा माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से दो ड्रोन मंगाए गए हैं. कंपनी के एमडी सिरिएक जोसेफ ने बताया कि ये नई तकनीक है, जिससे ड्रोन दुर्गम जगहों पर भी भेजा जा सकता है. इस टनल में 41 मजदूर फंसे हुए हैं. 12 नवंबर को निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढहने के बाद मजदूर 13 दिनों से फंसे हुए हैं. टीवी चैनलों को सरकार की सलाह: सुरंग बचाव कार्यों से जुड़ी खबरों को सनसनीखेज बनाने से बचें.

प्रबंध निदेशक और स्क्वाड्रन इंफ्रा एंड माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ सिरिएक जोसेफ ने एएनआई को बताया, "हम टीम का समर्थन करने के लिए यहां हैं और हम सहजता से काम कर रहे हैं. हमारी प्राथमिकता फंसे हुए मजदूरों की सुरक्षा है इसलिए हमने ड्रोन से उनकी स्थिति पर नजर रखने की कोशिश कर रहे हैं. ड्रोन नवीनतम तकनीक के हैं जो सुरंग के अंदर जा सकते हैं. इस तकनीक से टनल में फंसे मजदूरों तक पहुंचने में आसानी होगी. यह जीपीएस-अस्वीकृत क्षेत्रों में भी जा सकता है. यह पहली बार है कि इस तरह की आपदा में ऐसे ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है."

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उन्होंने आगे कहा कि उनकी टीम ड्रोन कैमरे के जरिए सुरंग के अंदर होने वाली हर गतिविधि पर नजर रख रही है. उन्होंने कहा, "हमारा मुख्य लक्ष्य 41 लोगों को सुरंग से बाहर निकालना है. हमें उम्मीद है कि उन्हें जल्द ही सुरक्षित बाहर निकाला जाएगा." एसोसिएट लीड माइनिंग इंजीनियर आसिफमुल्ला ने कहा कि ड्रोन नवीनतम तकनीक का है और इसका उपयोग भूमिगत खदानों और सुरंगों के लिए किया जाता है. उन्होंने कहा, "हम टीम का समर्थन करने के लिए बेंगलुरु से यहां आए हैं. ड्रिलिंग चल रही है और हम सभी उन्हें सुरंग से बाहर निकालने की पूरी कोशिश कर रहे हैं."

मजदूरों के लिए पहुंचाया गया खाना

सुरंग में छह इंच का पाइप पहुंचने के बाद से मजदूरों को पका हुआ भोजन दिया जा रहा है. टीम मजदूरों और बचाव कार्य में लगी टीम के सुबह के नाश्ते, दिन व रात के खाने को पहुंचाने में दिन-रात जुटी है. इस बीच फंसे हुए मजदूरों के लिए नाश्ते में बेलनाकार बोतलों में खिचड़ी और दूध भेजा जाएगा.

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