नई दिल्ली, 12 फरवरी : उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली स्थित रैणी क्षेत्र में आए बर्फीले तूफान और बाढ़ से तबाही पर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Kosari) गुरुवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिले. कोश्यारी हालात का जायजा लेने के लिए स्वयं उत्तराखंड पहुंचे. उत्तराखंड में आई इस आपदा में 200 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है. राहत एवं बचाव कार्य में लगी विभिन्न टीमों ने अभी तक कुल 35 शव ढूंढे हैं. कोश्यारी ने रावत से मुख्यमंत्री आवास में भेंट की. उन्होंने मुख्यमंत्री से राज्य से संबंधित विभिन्न विषयों एवं जनपद चमोली के रैणी क्षेत्र में उत्पन्न आपदा की स्थिति पर चर्चा की.
मुख्यमंत्री रावत ने कहा, आपदा स्थल पर राहत एवं बचाव कार्य तेजी से संचालित किए जा रहे हैं, जिसमें सभी संबंधित एजेंसियों एवं विभागों का सक्रिय सहयोग प्राप्त हो रहा है. इस अवसर पर उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. धन सिंह रावत भी उपस्थित थे. राज्यपाल कोश्यारी को बताया गया कि यहां टनल में फंसे लोगों में कई स्थानीय निवासी भी शामिल हैं. यह सभी अभी तक लापता हैं. विशेष तौर पर 4 स्थानीय गांवों के 12 निवासी अभी तक लापता हैं. इनमें रैणी, करछौ, तपोवन और रिंगी गांव शामिल हैं. यह भी पढ़ें : Uttarakhand Tragedy: तपोवन सुरंग में छठवें दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी; अब तक 36 शव बरामद, 2 लोग मिले जीवित, 204 लापता
उत्तराखंड के ऋषि गंगा क्षेत्र में आई त्रासदी के बाद अभी भी प्रशासन 169 शवों की तलाश में जुटा है. आपदा में सड़क संपर्क टूटने से सीमांत क्षेत्र के 13 गांवों के 360 परिवार प्रभावित हुए हैं. सड़क संपर्क से कटे इन गांवों में हैली से राशन किट, मेडिकल टीम सहित रोजमर्रा का सामन लगातार भेजा जा रहा है. गांवों मे फसे लोगों को राशन किट के साथ 5 किलो चावल, 5 किग्रा आटा, चीनी, दाल, तेल, नमक, मसाले, चायपत्ती, साबुन, मिल्क पाउडर, मोमबत्ती, माचिस आदि राहत सामग्री भेजी जा रही हैं.