लखनऊ: उत्तर प्रदेश के रायबरेली में रविवार को एक दर्दनाक सड़क हादसे में उन्नाव रेप (Unnao Rape case) की पीड़िता के साथ उसकी मां, चाची, दो रिश्तेदारों के साथ वकील घटना के शिकार हो गए. जिन्हें लखनऊ ट्रामा सेंटर में भर्ती करवाया गया है. जहां पर सभी का इलाज चल रहा है. वहीं घटना के बारे में बताया जा रहा है कि इस घटना में पीडिता के दो रिश्तेदार की मौत हो गई है. बता दें कि घटना में शिकार यह वहीं पीडिता है जिसने उन्नाव के बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) पर रेप का आरोप लगाया है और पुलिस सेंगर के खिलाफ रेप का मामला दर्ज किया है.
वहीं इस घटना को लेकर उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि हम निष्पक्ष जांच करेंगे. जांच से पता चलता है कि यह पूरी तरह से एक ट्रक के कारण दुर्घटना थी. ट्रक ड्राइवर और मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया है. यह भी पढ़े: उन्नाव गैंगरेप केस: आरोपी बीजेपी MLA कुलदीप सेंगर को सीतापुर जेल किया गया शिफ्ट
UP DGP OP Singh on Unnao rape survior:We'll conduct a fair&free probe.Primary probe suggests it was purely an accident due to an overspeeding truck. Truck driver&owner have been arrested. If the family demands a CBI inquiry into the case, we'll hand over the case to CBI. pic.twitter.com/rhXgb34YHw
— ANI UP (@ANINewsUP) July 29, 2019
खबरों के अनुसार उन्नाव रेप पीड़िता के चाचा जेल में बंद हैं. चाचा से मिलने के लिए रविवार को वकील महेंद्र सिंह के साथ पीड़िता उसकी मां और चाची रायबरेली जेल जा रहे थे. इस बीच एक तेज रफ्तार से जा रही एक ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मार दी. जिस घटना के बाद सभी को को कार से निकालकर अस्पताल पहुंचाया. जहां पर घायल लोगों का इलाज चल रहा है. बता दें कि वकील महेंद्र सिंह उन्नाव गैंगरेप की पीड़िता की कोर्ट में पैरवी कर रहे हैं. यह भी पढ़े: उन्नाव गैंगरेप केस: CBI को मिले BJP विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ सबूत
बता दें कि घटना की शिकार इसी पीड़िता ने उन्नाव के बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सेंगर पर आरोप लगाया था कि उन्होंने अपने आवास पर उसके साथ 4 जून, 2017 को दुष्कर्म किया, जहां वह अपने एक रिश्तेदार के साथ नौकरी मांगने के लिए गई थी. जिसके बाद पुलिस विधायक के खिलाफ केस ना दर्ज करके परिवार वालों को ही परेशान करने वाली. लेकिन मामला तूल पकड़ने के बाद विधायक कुलदीप के खिलाफ उन्नाव के माखी थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 363, 366, 376, 506 और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था. शासन ने इस आदेश में इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की बात कही थी, जिसे एजेंसी ने स्वीकार कर लिया था.