
UP Electricity Hike: देश में बढती महंगाई के बीच प्रदेश के लाखों बिजली के उपभोक्ता को झटका लगने वाला हैं, क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार ने बिजली दरों को लेकर बहुवर्षीय वितरण टैरिफ विनियमावली 2025 (Multi Year Distribution Tariff Regulations 2025) को लागू कर दिया है, जो अगले 5 वर्षों तक यानी वर्ष 2029 तक प्रभावी रहेगी. राज्य विद्युत नियामक आयोग के द्वारा की गई अनुशंसा पर यह नोटिफिकेशन जारी किया गया है. इस फैसले से जहां बिजली कंपनियों को सालाना करीब 4 हजार करोड़ रुपये का फायदा होने की संभावना है, वहीं बिजली उपभोक्ताओं की जेब पर महंगी बिजली का भारी असर पड़ सकता है.
दरों में 20 प्रतिशत तक बढ़ोतरी का अनुमान
नए रेगुलेशन के तहत नियामक आयोग 2025-26 के लिए बिजली दरों को निर्धारित करने की प्रक्रिया योगी सरकार जल्द ही शुरू करेगा. यह माना जा रहा है कि बिजली कंपनियां मौजूदा बिजली दरों से 13,000 करोड़ रुपये के घाटे की भरपाई के लिए दरों में 20 फीसदी तक का इजाफा कर सकती हैं. जिसका सीधा सीधा सर उपभोक्ताओं के जेब पर पड़ने वाला है.
उपभोक्ता परिषद ने सरकार के फैसले का विरोध किया
बिजली दरों में संभावित वृद्धि के बीच उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया है. परिषद की तरफ से कहा गया कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नियमों में बदलाव के चलते प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को भारी नुकसान होगा. परिषद ने मीडिया से बातचीत में का आरोप है कि इससे निजी घरानों के लिए फायदा कमाने का नया रास्ता खुल जाएगा, लेकिन सरकार को उनके मंशा में कामयाब नहीं होने देंगे.
बिजली को लेकर 1 लाख 1,000 करोड़ रुपये का बजट
मीडिया से बातचीत में उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष और राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि वर्तमान में जो 2025-26 के लिए वार्षिक राजस्व आवश्यकता (ARR) बिजली कंपनियों के द्वारा विद्युत नियामक आयोग में दाखिल किया गया है, वह करीब 1 लाख 1,000 करोड़ रुपये का है, और इसमें 70,000 करोड़ रुपये की बिजली खरीद का प्रस्ताव है. इसके अलावा, वितरण हानियां आरडीएसएस अनुमान के तहत 13.82 प्रतिशत प्रस्तावित की गई हैं.