लॉकडाउन का असर: प्रयागराज के संगम घाट पर सन्नाटा, पिंडदान व अस्थि पूजन की अनुमति देने के लिए कर्मकांडी पंडितों ने लगाई सरकार से गुहार
प्रयागराज के संगम घाट के कर्मकांडी पंडित (Photo Credits: ANI)

प्रयागराज: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) कोहराम मचा रहा है और संक्रमितों की तादात में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. कोविड-19 (COVID-19) के प्रसार की रोकथाम के लिए 24 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) का ऐलान किया गया था और अब इसका तीसरा चरण जारी है. लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही धार्मिक स्थलों, पर्यटन स्थलों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी लगा दी गई. लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) का पालन करते हुए लॉकडाउन के दौरान घरों में रहने की अपील की गई, जिसके चलते दिन में भीड़भाड़ वाली जगहों पर सन्नाटा नजर आ रहा है. लॉकडाउन का असर गंगा घाटों पर भी देखा जा रहा है, क्योंकि हर समय लोगों से गुलजार रहने वाले गंगा के घाटों पर सन्नाटा पसरा हुआ है.

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रयागराज (Prayagraj) स्थित संगम घाट (Sangam Ghat) में लॉकडाउन के चलते सन्नाटा पसरा हुआ है. यहां श्रद्धालुओं की आवाजाही का सिलसिला बंद होने की वजह से फूल बेचने वालों और कर्मकांडी पंडितों के सामने रोजी-रोटी की समस्या बनी हुई है. यहां के कर्मकांडी पंडितों की मानें तो संगम पर लोगों के न आने की वजह से ये लोग संकट के दौर से गुजर रहे हैं. ऐसे में यहां के कर्मकांडी पंडितों ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पिंडदान और अस्थि पूजन की अनुमति देने की मांग की है. यह भी पढ़ें: लॉकडाउन का असर: प्रयागराज के संगम घाट से दर्शनार्थी नदारद, फूल बेचने वालों का रोजगार हुआ ठप (Watch Video & Photos)

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गौरतलब है कि देश के कई राज्यों में लगातार कोरोना संक्रमण के नए मामलों की पुष्टि हो रही है, लेकिन सबसे बुरा हाल महाराष्ट्र का है. बात करें देश में कोरोना संक्रमितों के आंकड़ों की तो देश में कोविड-19 मरीजों की संख्या बढ़कर 74,281 हो गई है, जबकि अब तक 2415 लोगों की मौत हो चुकी है. इस समय देश में 47,480 केस एक्टिव हैं और 24,386 लोग इलाज के जरिए ठीक या डिस्चार्ज हो चुके हैं.