उत्तर प्रदेश: नीति आयोग ने की कुंभ प्रबंधन की तारीफ, 22 पन्नों की एक रिपोर्ट उदाहरण के तर्ज पर की गई पेशी
नीति आयोग (Photo Credits: IANS)

नीति आयोग (NITI AAYOG ) ने प्रयागराज कुंभ की स्वच्छता और भीड़ प्रबंधन के मामले में योगी सरकार की व्यवस्था की सराहना करते हुए इसे पूरी दुनिया में भीड़ प्रबंधन और स्वच्छता का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण बताया है. नीति आयोग की ओर से गुरुवार को जारी 22 पन्नों की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने प्रयागराज के संगम पर 15 जनवरी से चार मार्च, 2019 तक कुंभ मेले का आयोजन किया था. इसमें करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ को बेहतर तरीके से न केवल मैनेज किया गया, बल्कि यहां स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा गया.

'बेस्ट प्रैक्टिस इन क्राउड मैनेजमेंट एंड सैनिटेशन' नामक रिपोर्ट में कहा गया है कि योगी सरकार ने प्रयागराज में संस्थागत व्यवस्था, शहर में बुनियादी ढांचे का निर्माण, मेला क्षेत्र (अस्थायी शहर) का विकास, टेक्नोलॉजी के माध्यम से कुशल यातायात प्रबंधन, आपदा प्रबंधन सहित हर पहलू पर ध्यान रखा. श्रद्धालुओं की सुविधाओं के साथ उनके प्रबंधन लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल का उपयोग किया गया.

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कुंभ 2019 के धार्मिक पहलू के अलावा एक प्रमुख सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रम के रूप में इसकी मार्केटिंग की गई थी. 10,000 वर्ग फुट में पांच कन्वेंशन सेंटर बनाए गए थे. स्वच्छ भारत मिशन के तहत 15,00 से अधिक स्वच्छाग्रही और पेड वालिंटियर्स लगाए गए, जो लोगों को शौचालय इस्तेमाल करने और मेला क्षेत्र में स्वच्छता बनाए रखने के लिए जागरूक कर रहे थे. इसके अलावा, एनएमसीजी के 1,000 से अधिक गंगा प्रहरी और गंगा टास्क फोर्स के स्वयंसेवक पैदल सैनिकों के रूप में लगे हुए थे.

प्रयागराज में 3200 हेक्टेअर जमीन में अस्थायी शहर बसाया गया था. कुंभ के दौरान 5000 से अधिक धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने अपने शिविर लगाए. इसे ऐतिहासिक बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर स्थायी और अस्थायी दोनों तरह के बुनियादी ढांचे के विकास का काम किया गया. इसके लिए उत्तर प्रदेश प्रयागराज मेला प्राधिकरण बनाया गया. प्रयागराज अधिनियम 2017 को 30 नवंबर, 2017 को लागू किया गया.

3200 हेक्टेयर में फैले अस्थायी शहर को 20 सेक्टरों में विभाजित किया गया था, जहां सभी प्रमुख बुनियादी सुविधाएं जैसे बिजली, पानी और स्वच्छता की सुविधा, अखाड़ों के अस्थायी निवास, सार्वजनिक आवास, दुकानें, 70 फूट कोर्ट्स और वेडिंग जोन्स, बैंक की शाखाएं एवं एटीएम मशीन, पार्किं ग स्थल, परिवहन की सुविधा, 40 पुलिस बूथ एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाएं आदि उपलब्ध थीं. बड़ी संख्या में जर्मन हैंगर संरचनाओं को स्थापित करने के साथ ही पीवीसी तकनीक पर आधारित वाटर प्रूफ टेंट लगाए गए थे. कुंभ मेला 2019 में एक टेंट सिटी बसाई गई थी, जिसमें 4000 शानदार टेंट और सुइट्स थे.

भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने मेला क्षेत्र में पांच घाट बनाए गए थे, जो पहली बार प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों में बड़ी यात्राओं और मोटर नौकाओं के संचालन की सुविधा प्रदान कर रहे थे. हर 200 मीटर पर 1.2 लाख से अधिक शौचालयों बनाए गए थे. इसके साथ ही योजनाबद्ध तरीके बिजली, पानी की आपूर्ति और अपशिष्ट प्रबंधन की स्थापित व्यवस्था की गई थी. जो कुंभ मेले के इतिहास में एक नया अध्याय है. नीति आयोग की यह रपट ऐसे समय में आई है, जब 10 जनवरी से माघ मेले की शुरुआत हो रही है.