उत्तर प्रदेश: विधायक विजय मिश्रा उनकी पत्नी और बेटे के खिलाफ मकान में जबरन रहने व धमकाने के आरोप में मामला दर्ज
उत्तर प्रदेश पुलिस (Photo Credit- File Photo)

भदोही, 9 अगस्त: उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के ज्ञानपुर से विधायक विजय मिश्रा, उनकी पत्नी रामलली मिश्रा और बेटे विष्णु मिश्रा के खिलाफ जिला पुलिस ने उनके रिश्तेदार की शिकायत पर संपत्ति पर कब्जा करने और धमकाने के आरोप में मामला दर्ज किया है. यह एक महीने के भीतर मिश्रा के खिलाफ दूसरी प्राथमिकी है. 18 जुलाई को उनके खिलाफ औरई क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग-2 पर लालानगर टोल प्लाजा पर टोल संग्रह करने वाले एक कर्मी को धमकी देने के लिए गुंडा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था.

भदोही के पुलिस अधीक्षक आरबी सिंह ने कहा, "शुक्रवार को विधायक के रिश्तेदार कृष्ण मोहन तिवारी की शिकायत पर गोपीगंज पुलिस ने आईपीसी की धारा 325, 506, 347, 387 और 449 के तहत मिश्रा, उनकी एमएलसी पत्नी और बेटे के खिलाफ मामला दर्ज किया है. शिकायतकर्ता के अनुरोध पर, जिसने अपने जीवन के लिए खतरे का हवाला दिया, हमने उसे पुलिस सुरक्षा प्रदान की है." तिवारी ने पुलिस को शिकायत की कि वह भदोही जिले के गोपीगंज पुलिस थाना क्षेत्राधिकार के तहत धनापुर इलाके में एक घर के मालिक हैं.

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उन्होंने आरोप लगाया, "विधायक मेरे घर में जबरन रह रहे हैं और अब मुझ पर उनके नाम पर संपत्ति दर्ज करने का दबाव बढ़ा रहे हैं. मेरे द्वारा कागजात पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने के बाद, मिश्रा, जिन्होंने मेरी फर्म पर भी कब्जा कर लिया है, ने मुझे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी है." एसपी ने कहा कि मिश्रा के खिलाफ गुंडा एक्ट का मामला आवश्यक कार्रवाई के लिए जिला मजिस्ट्रेट की अदालत में है. राज्य के विभिन्न जिलों में मिश्रा के खिलाफ कथित तौर पर 71 आपराधिक मामले दर्ज हैं. पुलिस सूत्रों ने कहा कि दस मामलों की सुनवाई एक विशेष एमपी / एमएलए अदालत में चल रही है.

विधायक विजय मिश्रा ने इससे पहले लगातार तीन विधानसभा चुनावों में ज्ञानपुर सीट जीती थी, लेकिन 2017 के चुनावों में समाजवादी पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था. उन्होंने निषाद पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और दोबारा सीट जीती. उन्होंने 2012 विधानसभा चुनाव जेल से लड़ा था.

इस बीच, पत्रकारों से बात करते हुए, विधायक के बेटे विष्णु ने दावा किया कि जिस रिश्तेदार ने उनके खिलाफ शिकायत की थी, उसने उनके विधायक पिता से 32 करोड़ रुपये उधार लिए थे. विष्णु कहा, "उन्होंने हमें 27 करोड़ रुपये के चेक दिए, जो बाउंस हो गए. हमारे पैसे वापस नहीं करने के लिए उन्होंने हमारे खिलाफ शिकायत दर्ज कराई."