फिरोजाबाद (उत्तर प्रदेश), 27 फरवरी : फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज के बाह्य रोगी विभाग में स्क्रीनिंग के दौरान 20 दिनों में मुंह के कैंसर के प्राथमिक लक्षणों वाले रोगियों के 50 मामले सामने आए हैं. डॉक्टरों के मुताबिक इनमें से ज्यादातर मरीज 30 से 50 साल की उम्र के हैं. उन्हें तंबाकू चबाने की लत है. फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज के दंत विभाग ने 4 फरवरी को कैंसर स्क्रीनिंग ओपीडी शुरू की.
दंत विभाग की प्रमुख डॉ किरण सिंह ने कहा, 24 फरवरी तक मुंह के कैंसर से पीड़ित 50 मामले सामने आए हैं. ये मरीज इस बीमारी से अनजान हैं. अधिकांश रोगियों में रोग के बढ़ने के पीछे तंबाकू चबाना एक सामान्य कारण है. सभी मरीज प्राथमिक चरण में हैं और नियमित उपचार के बाद ठीक हो सकते हैं. उसने कहा, "मुंह का कैंसर तेजी से फैल सकता है.
बीमारी के सामान्य लक्षणों में एक होंठ या मुंह का दर्द शामिल हो सकता है जो ठीक नहीं होता है. अगर आपके मुंह के अंदर सफेद या लाल रंग का पैच, ढीले दांत, मुंह के अंदर वृद्धि या गांठ, मुंह में दर्द, कान में दर्द और निगलने में कठिनाई या दर्द हो रहा है और दो सप्ताह से अधिक समय तक लगातार लक्षण समान रहते हैं तो व्यक्ति को कैंसर की जांच करवानी चाहिए." यह भी पढ़ें : Karnataka: कर्नाटक के करीब 30 छात्रों को यूक्रेन से सुरक्षित निकाला गया: सरकार
डॉक्टरों के अनुसार, मुंह के कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाले कारकों में सिगरेट, सिगार, पाइप, चबाने वाला तंबाकू और सूंघने जैसे किसी भी प्रकार का तंबाकू का उपयोग शामिल है. अत्यधिक शराब का उपयोग आपके होठों के लिए अत्यधिक सूरज की रोशनी, मानव पेपिलोमावायरस (एचपीवी) नामक यौन संचारित वायरस, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली भी मुंह के कैंसर का कारण बन सकती है.