US on Hindenburg allegations against Adani: अडानी के खिलाफ हिंडनबर्ग के आरोप रेलिवेंट नहीं, अमेरिका ने दी क्लीनचिट
अमेरिकी सरकार ने हाल ही में कहा है कि शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के अरबपति और अडानी ग्रुप के अध्यक्ष गौतम अडानी के खिलाफ कॉर्पोरेट धोखाधड़ी के आरोप रेलिवेंट नहीं थे.
अमेरिकी सरकार ने हाल ही में कहा है कि शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के अरबपति और अडानी ग्रुप के अध्यक्ष गौतम अडानी (Gautam Adani) के खिलाफ कॉर्पोरेट धोखाधड़ी के आरोप रेलिवेंट नहीं थे और इससे श्रीलंकाई टर्मिनल के लिए 553 मिलियन डॉलर तक अनुदान देने के अमेरिकी फैसले पर कोई असर नहीं पड़ा. अडानी ग्रुप को श्रीलंका में कंटेनर टर्मिनल के लिए 55.3 करोड़ अमेरिकी डॉलर का कर्ज़ देने से पहले अमेरिकी सरकार इस निष्कर्ष पर पहुंची थी कि भारतीय अरबपति गौतम अडानी के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए कॉरपोरेट फ़्रॉड के आरोप कतई प्रासंगिक नहीं हैं.
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेशनल डेवलपमेंट फ़ाइनेंस कॉर्प (DFC) के एक अधिकारी ने बताया कि अडानी समूह के खिलाफ अमेरिका से संचालित हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों को सामने रखकर ही गहन जांच की गई.
DFC अधिकारी ने बताया कि DFC इस बात से संतुष्ट था कि शॉर्ट सेलर की रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों का श्रीलंकाई प्रोजेक्ट को लीड करने वाली समूह की कंपनी अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड से कोई संबंध नहीं था.
रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारी ने कहा, फिर भी अमेरिकी एजेंसी यह सुनिश्चित करने के लिए कंपनी की निगरानी करती रहेगी कि अमेरिकी सरकार अनजाने में ही किसी वित्तीय कदाचार का साथ नहीं दे बैठे. अधिकारी ने कहा, यह अहम है कि चीन की तुलना में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को अमेरिका अलग तरीके से देखता रहे.