आगरा के शाहगंज इलाके में एक पंचायत ने 20 साल के एक युवक को बलात्कार के आरोप में निर्दोष करार दिया और पीड़िता को उसे पांच बार जूते से सिर पर मारने का आदेश दिया. इसके साथ ही आरोपी को पीड़िता को 15,000 रुपये का जुर्माना देने का भी फैसला किया गया. पंचायत ने "परिवार की इज्जत" का हवाला देते हुए आगे की पुलिस कार्रवाई को रोक दिया.
यह घटना 25 जुलाई की शाम को हुई जब भोगीपुरा इलाके की रहने वाली एक महिला अपने घर से बाहर निकली लेकिन जल्दी वापस नहीं आई. रात करीब 9 बजे, उसके परिवार ने पुलिस से संपर्क किया और स्थानीय युवक पर लड़की का अपहरण करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई. पुलिस जांच के लिए गांव पहुंची, लेकिन समुदाय के लोगों ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि वे महिला को खुद ढूंढ लेंगे. पांच घंटे बाद, समुदाय के लोग महिला को वापस लाए और पुलिस से आगे की कार्रवाई न करने का अनुरोध किया, क्योंकि "परिवार की इज्जत" दांव पर लगी थी.
जब 20 वर्षीय पीड़िता ने अपने परिवार को बताया कि आरोपी ने उसे बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया, उसकी ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर उसका बलात्कार किया, तो मौके पर ही पंचायत आयोजित की गई और तुरंत यह अजीबोगरीब फैसला सुनाया गया.
मंगलवार को सोशल मीडिया पर इस घटना का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें पीड़िता आरोपी को जूते से मारती हुई दिख रही है और आसपास लोग खड़े हैं. मारपीट खत्म होने के बाद, वीडियो में आरोपी शांत होकर चला जाता है.
लोहामंडी के ACP मयंक तिवारी ने कहा, "शिकायत मिलने पर एफआईआर दर्ज की जाएगी."
यह घटना बताती है कि आज भी समाज के कुछ हिस्सों में "पंचायत" का कानून चल रहा है, और पुलिस भी इसके सामने लाचार दिखाई दे रही है. इस मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं.