लखनऊ, 26 सितंबर : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने यूपी सरकार के आदेश से होटलों व ढाबों में नाम पता लिखें जाने वाले मामले पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यह सब खाद्य सुरक्षा हेतु कम व जनता का ध्यान बांटने की चुनावी राजनीति ज्यादा है.
बसपा मुखिया मायावती ने गुरुवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ''यूपी सरकार द्वारा होटल, रेस्तरां, ढाबों आदि में मालिक, मैनेजर का नाम, पता के साथ ही सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य करने की घोषणा, कांवड़ यात्रा के दौरान की ऐसी कार्रवाई की तरह ही फिर से चर्चा में है, यह सब खाद्य सुरक्षा हेतु कम व जनता का ध्यान बांटने की चुनावी राजनीति ज्यादा है.'' यह भी पढ़ें : PM Modi’s Pune Visit Cancelled: पीएम मोदी का पुणे में भारी बारिश के चलते दौरा रद्द, मेट्रो ट्रेन सहित कई परियोजनाओं का करना था उद्घाटन
उन्होंने आगे लिखा कि वैसे तो खाद्य पदार्थों में मिलावट आदि को लेकर पहले से ही काफी सख्त कानून हैं, फिर भी सरकारी लापरवाही/मिलीभगत से मिलावट का बाजार हर तरफ गर्म है, क्या अब दुकानों पर लोगों के नाम जबरदस्ती लिखवा देने आदि से क्या मिलावट का काला धंधा खत्म हो जाएगा? बसपा मुखिया ने लिखा कि वैसे भी तिरुपति मंदिर में ’प्रसादम’ के लड्डू में चर्बी की मिलावट की खबरों ने देश भर में लोगों को काफी दुखी व उद्वेलित कर रखा है और जिसको लेकर राजनीति जारी है. धर्म की आड़ में राजनीति के बाद अब लोगों की आस्था से ऐसे घृणित खिलवाड़ का असली दोषी कौन? यह चिंंतन जरूरी है.
एक अन्य पोस्ट पर उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य के गढ़वा जिला अंतर्गत डंडई थाना में गरीब ग्रामीण की पुलिस हिरासत में कथित तौर पर हुई मौत व उसे जलाकर साक्ष्य मिटाने का मामला अति-गंभीर, दुखद व निंदनीय है, इससे लोगों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है. सरकार घटना की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे.
ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट और गंदी चीजों की मिलावट करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई के आदेश दिए हैं. देश के विभिन्न क्षेत्रों में घटी ऐसी घटनाओं का संज्ञान लेते हुए उन्होंने एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश के सभी होटलों, ढाबों और रेस्टोरेंट आदि संबंधित प्रतिष्ठानों की गहन जांच, सत्यापन आदि के भी आदेश दिए हैं, साथ ही आम जन की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए नियमों में आवश्यकतानुसार संशोधन के लिए भी कहा है. ढाबों और रेस्टोरेंट आदि खानपान के प्रतिष्ठानों की जांच के साथ ही इन प्रतिष्ठानों के संचालकों सहित वहां कार्यरत सभी कर्मचारियों का सत्यापन कराने का आदेश भी दिया है