लखनऊ: यूपी के बांदा जिला अस्पताल (Banda District Hospital) से एक लापरवाही का मामला सामने आया है. अस्पताल के ट्रेनी स्टाफ की इस लापरवाही के चलते एक महिला (Woman) की जान जाते-जाते बची. जानकारी के अनुसार ट्रेनी स्टाफ ने अस्पताल में इलाज करवाने आई बीमार महिला को इंजेक्शन (Injection) लगाकर उसकी सुई (Needle) उसके शरीर के भीतर ही छोड़ दी. इंजेक्शन लगाए जाने के एक घंटे बाद महिला दर्द से तड़पने लगी, जिसके बाद उसके परिवार ने अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया. मरीज की हालत बिगड़ता देखकर डॉक्टर और सीएमएस को तुरंत वार्ड में बुलाया गया. उन्होंने मरीज का एक्सरे करवाया. जिसके बाद मालूम पड़ा कि उसके शरीर में इंजेक्शन की सुई है.
महिला की जान बचाई जा सके. अस्पताल के डॉक्टरों ने आनन-फानन में पीड़ित महिला का ऑपरेशन (Operation) कर सुई को बाहर निकाला गया. वहीं सीएमएस ने कहा कि अपने तीस साल के करियर में उन्होंने इस तरह का पहला मामला देखा है. वहीं परिजनों का आरोप है कि जिला अस्पताल के पैथोलॉजी में भी ट्रेनी स्वस्थ्य कर्मियों की भरमार है. कोई भी सीनियर टेक्नीशियन (Senior Technician) नजर नहीं आता है. जिसके चलते यह लापरवाही हुई. यह भी पढ़े: Bihar: नालंदा के सदर अस्पताल में किशोरी की मौत, परिजनों ने लगाया इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप
दरअसल नगर कोतवाली क्षेत्र की रहने वालो तुलसा देवी की तबियत बिगड़ने के बा गुरुवार को पेट दर्द के बाद ट्रामा सेंटर में ले जाया गया था. ड्यूटी पर तैनात डॉ आकाशदीप शिवहरे ने दर्द का इंजेक्शन बीएसटी पर लिख दिया. ड्यूटी पर मौजूद ट्रेनिंग स्वास्थ्य कर्मी ने महिला की कमर में पेन किलर इंजेक्शन लगा दिया.
ऑपरेशन करके सुई बाहर निकाली गई:
इंजेक्शन लगाने के करीब एक घंटे बाद महिला को दर्द होने लगा. जिसके बाद परिवार के लोगों ने अस्पताल में हंगाम मचाया तो महिला का एक्सरे किया गया. एक्सरे में मालूम पड़ा कि महिला के शरीर में इंजेक्शन की सुई छूट गई है. जिसे ऑपरेशन करके वह सुई निकाली गई.