लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार (Yogi Govt) ने कोरोना वायरस (Covid-19) संकट को नियंत्रित करने के लिए बड़ा फैसला लिया है. यूपी सरकार ने अलग-अलग जगहों पर लगने वाले धार्मिक मेलों में अब कोरोना निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य कर दी हैं. इन धार्मिक मेलों में जाने के लिए भक्तों को कोरोना निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी, इसके बाद ही एंट्री मिलेगी. यह रिपोर्ट 5 दिन से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए. यूपी सरकार के आदेश के अनुसार माघ मेला, प्रयागराज और संत समागम, मथुरा और अन्य मेलों में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 5 दिनों के भीतर COVID-19 निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य है.
इसके अलावा माघ मेले में तैनात होने वाले सिविल पुलिस के अलावा एटीएस, एसटीएफ, अर्धसैनिक बलों, एसडीआरएफ (SDRF), एनडीआरएफ (NDRF), बीडीडीएस, दमकलकर्मी और यातायात जैसे अन्य विंग के 5,000 से अधिक लोगों का ड्यूटी शुरू करने से पहले कोविड-19 (COVID19) परीक्षण होगा. उत्तर प्रदेश: प्रयागराज में माघ मेले में तैनात किए जाएंगे 3 हजार पुलिसकर्मी, COVID19 महामारी संबंधित सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का कड़ाई से किया जाएगा पालन सुनिश्चित
5 दिन से पुरानी रिपोर्ट मान्य नहीं:
In order to control the spread of Covid-19, it is mandatory for devotees coming to the Magh Mela, Prayagraj and Sant Samagam, Mathura and other fairs to bring negative test report conducted within 5 days: Government of Uttar Pradesh
— ANI UP (@ANINewsUP) December 31, 2020
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने माघ मेला के दौरान गंगा नदी के तट पर 'कल्पवास' में रहने के इच्छुक भक्तों को पहले से ही मेला मैदान में प्रवेश करने के लिए निगेटिव आरटी-पीसीआर परीक्षण रिपोर्ट अपने साथ लाने के लिए कहा है. भक्तों को महीने भर यहां रहने के दौरान हर हफ्ते परीक्षण कराना होगा.
कोरोना संकट को देखते हुए राज्य सरकार ने मेला क्षेत्र के नियमित सैनेटाइजेशन करने और मेला क्षेत्र में एम्बुलेंस सहित पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा, मुख्य सचिव ने कहा कि माघ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रभावशाली क्राउड मैनेजमेंट प्लान अवश्य बनाया जाए.