लखनऊ, 8 फरवरी : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने महाराजगंज के नौतनवा निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय विधायक अमन मणि त्रिपाठी को अपना उम्मीदवार बनाया है. पत्नी की हत्या के मामले में जमानत पर बाहर चल रहे त्रिपाठी ने कहा कि वह बसपा प्रमुख मायावती, उनकी राजनीति और नीतियों की प्रशंसा करते हैं. "मैं अभी भी एक निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ सकता था और जीत भी सकता था, लेकिन एक राजनेता के रूप में, मुझे एक स्टैंड, एक विचारधारा की आवश्यकता है. मुझे एक पार्टी का सदस्य होना चाहिए और मेरी राजनीति में प्रगति करते हुए दिखना चाहिए. मेरे पिता भी बसपा में थे और मुझे पार्टी के काम करने का तरीका पसंद है. यह एक विचारधारा के प्रति मेरी प्रतिबद्धता के बारे में है."
अमन मणि कथित तौर पर निषाद पार्टी से टिकट पाने की कोशिश कर रहे थे और उन्हें भाजपा के करीबी माना जाता है. उन्हें अक्सर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पैर छूते देखा गया है. उन्होंने कहा, "मेरे दादा कम्युनिस्ट और सात बार विधायक रहे. मेरे पिता चार बार विधायक रह चुके हैं. नैतिकता और विचारधारा का होना जरूरी है और इसलिए मैंने बसपा को चुना." 2017 से पहले, त्रिपाठी सपा के साथ थे, लेकिन उनकी पार्टी द्वारा टिकट से इनकार करने के बाद 2017 का चुनाव निर्दलीय के रूप में जीता. इस बीच उनकी उम्मीदवारी की घोषणा से हड़कंप मच गया है. यह भी पढ़ें : केरल उच्च न्यायालय ने चैनल ‘मीडिया वन’ के प्रसारण पर रोक लगाने के केन्द्र के फैसले को रखा बरकार
मृतक कवयित्री मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला (जिनकी हत्या के लिए अमन मणि के माता-पिता उम्रकैद की सजा काट रहे हैं) ने कहा कि एक ऐसे व्यक्ति को टिकट देकर जिसके माता-पिता हत्या के लिए दोषी हैं और जो खुद अपनी पत्नी की हत्या के आरोप का सामना कर रहा है, बसपा ने खुद को एक्सपोज किया है. उन्होंने आगे कहा, "मायावती सपा सरकार में खराब कानून व्यवस्था की बात करती रहती हैं, लेकिन अब उन्होंने जो किया है वह स्पष्टीकरण से परे है. वह खुले तौर पर एक हत्या के आरोपी को संरक्षण दे रही हैं." निधि ने कहा कि वह त्रिपाठी परिवार के खिलाफ अपना अभियान जारी रखेंगी, जिसने हत्या को पारिवारिक आदत बना लिया है.