योगी सरकार के एक्शन पर असदुद्दीन ओवैसी ने उठाये सवाल, कहा- यूपी के सीएम बन गए है इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में पैगंबर मुहम्मद पर नूपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी के खिलाफ जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा को लेकर योगी सरकार एक्शन मोड में है. इस बीच यूपी सरकार की कार्रवाई पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने सवाल उठाये है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में पैगंबर मुहम्मद पर नूपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी के खिलाफ जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा को लेकर योगी सरकार एक्शन मोड में है. इस बीच यूपी सरकार की कार्रवाई पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने सवाल उठाये है. UP सरकार एक समुदाय विशेष को कर रही टारगेट, नूपुर शर्मा-नवीन जिंदल समस्या की जड़: मायावती
एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा “यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बन गए हैं. वह किसी को भी दोषी ठहराएंगे और उनके घरों को तोड़ देंगे? प्रयागराज में जो मकान गिराया गया वह आरोपी की पत्नी के नाम पर है, जो कि मुस्लिम महिला है.”
हाल ही में ओवैसी ने कि बीजेपी की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा को पैगंबर मोहम्मद के बारे में उनकी विवादास्पद टिप्पणी के लिए गिरफ्तार किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर किसी को भी हिंसा में शामिल नहीं होना चाहिए और न ही पुलिस को कानून अपने हाथ में लेना चाहिए. उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि एक टीवी बहस के दौरान शर्मा की टिप्पणियों के बाद बीजेपी ने उनके खिलाफ समय पर कार्रवाई नहीं की, जिससे एक बड़ा विवाद पैदा हो गया.
ओवैसी ने गुजरात के भुज में पत्रकारों से कहा, ‘‘नुपुर शर्मा को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है. कानून के अनुसार, उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्हें इतने दिनों से गिरफ्तार नहीं किया गया है। आप उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं करते और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं करते? आपको कौन रोक रहा है?’’ हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने कहा कि टिप्पणी पर शर्मा का माफीनामा पर्याप्त नहीं है.
बीते हफ्ते दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन (आईएफएसओ) इकाई ने विभिन्न दलों के कई राजनीतिक नेताओं द्वारा कथित रूप से नफरत भरे भाषण देने के संबंध में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं. प्राथमिकी में बीजेपी के पूर्व प्रवक्ता नवीन कुमार जिंदल और नुपुर शर्मा, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, शादाब चौहान, सबा नकवी, मौलाना मुफ्ती नदीम, अब्दुर रहमान, गुलजार अंसारी और स्वामी यति नरसिम्हनंदा के नाम हैं.