बुलंदशहर हिंसा: 23 दिन बाद मुख्य आरोपी पुलिस की नाक के नीचे से पहुंचा कोर्ट, कहा -संपत्ति कुर्की मामले में तीन हफ्ते में दायर करेगा हलफनामा
शनिवार को वह बुलंदशहर (Bulandshahr Violence) कोर्ट पहुंचा. जहां उसने पुलिस द्वारा उसकी संपत्ति की कुर्की के नोटिस के खिलाफ याचिका देत करते हुए कहा कि वह तीन हप्ते में इस नोटिस के खिलाफ हलफनामा दायर करेगा. तब तक उसकी संपत्ति को किसी भी प्रकार से कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाए.
लखनऊ: बुंलदशहर में हुए हिंसा (Bulandshahr Violence) को करीब 23 दिन बीतने जा रहे है. लेकिन अब तक इस हिंसा मामले में फरार 2 मुख्य आरोपी बजरंग दल का योगेश राज और बीजेपी युवा मोर्चा का शिखर अग्रवाल अभी तक पुलिस के गिरफ्त से बाहर है. पुलिस के लिए इस हिंसा मामले में सबसे बड़ी नाकामयाबी ये है कि पुलिस दोनों फरार आरोपियों की तलाश कर ही रही है. इन दोनों आरोपियों में एक मुख्य आरोपी शिखर अग्रवाल पुलिस के नाम के नीचे बुलंदशहर कोर्ट पहुंचा. जहां उसने पुलिस द्वारा उसकी संपत्ति की कुर्की के नोटिस के खिलाफ याचिका देत करते हुए कहा कि वह तीन हफ्ते में इस नोटिस के खिलाफ हलफनामा कोर्ट में दायर करेगा. तब तक उसकी संपत्ति को किसी भी प्रकार से कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाए.
दरअसल एक हफ्ते पहले उत्तर प्रदेश पुलिस इस हिंसा मामले में फरार आरोपियों के खिलाफ उनकी संपत्ति की कुर्की का नोटिस दिया. बता दें कि गौकशी की घटना के बाद बुलंदशहर में हुई हिंसा में भीड़ ने एसएचओ सुबोध कुमार सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हिंसा में एक स्थानीय लड़के की भी मौत हुई थी. गौकशी मामले में पुलिस ने अब तक 3 लोगों को गिरफ्तार किया है, वहीं इस पूरे केस अब तक 25 लोग पुलिस के गिरफ्त में हैं, इन आरोपियों में ज्यातर आरोपी पुलिस के नाक के नीचे कोर्ट में सरेंडर किया है. यह भी पढ़े: बुलंदशहर हिंसा: कानून व्यवस्था पर सीएम योगी ने रात 9 बजे बुलाई आपात बैठक, ले सकते हैं बड़ा फैसला
सीएम योगी ने इस घटना को राजनीतिक साजिश बताया था
बुलंदशहर हिंसा मामले में हाल ही में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि इस मामले में सरकार ने जो कदम उठाए हैं, उसके लिए सराहना होनी चाहिए. इसके साथ ही सीएम योगी ने इस घटना को उनके सरकार के खिलाफ 'राजनीतिक साजिश' करार दिया था. उन्होंने कहा कि उनकी राज्य सरकार इस साजिश को बेनकाब करने में कामयाब रही. यह भी पढ़े: बुलंदशहर हिंसा: इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या का आरोपी जीतू फौजी बोला- मैंने कुछ भी गलत नहीं किया, मुझे फंसाया जा रहा है
आरोपियों को मिला है राजनीतिक संरक्षण
बुलंदशहर हिंसा के दौरान अपनी जान गवाने वाले शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के घरवालों का आरोप है कि इस घटना के सबूत मिटाए जा रहे हैं. ताकि केस को कमजोर किया जा सके. वहीं उनके बेटे और पत्नी का कहना है कि दोनों आरोपी खुलेआम घूम रहें है लेकिन उन्हें राजनीतिक संरक्षण मिलने से उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पा रही है. यह भी पढ़े: बुलंदशहर हिंसा: इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या में कथित रूप से शामिल जवान को यूपी पुलिस ने लिया हिरासत में, पूछताछ जारी
बता दें कि तीन दिसंबर को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोकशी के बाद हिंसा भड़की थी. इस हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक स्थानीय नागरिक की मौत हुई थी. पुलिस की जांच में ऐसा कहा जा रहा है कि इस हिंसा को भड़काने के पीछे मुख्य आरोपी बजरंग दल का योगेश राज और बीजेपी युवा मोर्चा का शिखर अग्रवाल का मुख्य रूप से हाथ है. इन्ही दोनों आरोपियों के षड्यंत्र के चलते बुलंदशहर में हिंसा भड़की. जिसके चलते इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को अपनी जान गवानी पड़ी.