इटावा, 2 अक्टूबर : ऐतिहासिक और प्रतिष्ठित 'गांधी वटवृक्ष' जिसे 300 साल से अधिक पुराना कहा जाता था, 22 सितंबर को मूसलाधार बारिश के दौरान गिर गया था. गांधी जयंती के अवसर पर रविवार को जिस स्थान पर पेड़ खड़ा था, उसका स्थान बदल दिया जाएगा. पेड़ को 'गांधी वटवृक्ष' के नाम से जाना जाने लगा, क्योंकि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान, यह गांधीवादियों के लिए एक मिलन स्थल था.
स्थानीय लोगों का कहना है कि जिले में कई स्वतंत्रता सेनानियों को पेड़ से बांधकर अंग्रेजों ने पीटा था. कुछ को तो पेड़ से लटका भी दिया गया. वन और वृक्ष संरक्षण के लिए 'लालफीताशाही आंदोलन' चलाने वाले आगरा में तैनात सरकारी अधिकारी प्रभात मिश्रा ने कहा कि प्रशासन ने स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया है कि गांधी जयंती के अवसर पर उसी स्थान पर एक नया बरगद का पौधा लगाया जाएगा. यह भी पढ़ें : हरियाणा पुलिस ने मुठभेड़ के बाद लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के गैंगस्टर को गिरफ्तार किया
हालांकि, स्थानीय पर्यावरणविदों ने गिरे हुए बरगद के पेड़ से पौधे तैयार करने के प्रयास में टहनियों को काटने का फैसला किया है. प्रभात मिश्रा ने कहा कि पुराने पेड़ से पौधे इटावा, फिरोजाबाद, मैनपुरी और आगरा में लगाए जाएंगे.