भारत दो साल के कार्यकाल यानी जनवरी 2021 से दिसंबर 2022 तक के लिए आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) में एक गैर-स्थायी सदस्य के रूप में प्रवेश करने के लिए पूरी तरह तैयार है. आज के चुनाव में भारत की जीत सुनिश्चित है, क्योंकि भारत का नाम एशिया-प्रशांत सीट के लिए निर्विरोध रूप से चल रहा है. भारत की उम्मीदवारी को चीन और पाकिस्तान सहित एशिया-प्रशांत समूह के 55 सदस्यों ने पिछले साल जून में सर्वसम्मति से समर्थन दिया था. यूएनएससी (UNSC) में 15 सदस्य होते हैं, 10 गैर-स्थायी और पांच स्थायी सदस्य, जोकि - चीन, फ्रांस, रूस, यूके और यूएस हैं. प्रत्येक वर्ष महासभा दो वर्ष के कार्यकाल के लिए पांच गैर-स्थायी सदस्यों का चुनाव करती है. 10 गैर-स्थायी सीटों की सदस्यता क्षेत्रीय आधार पर वितरित की जाती है. अफ्रीकी और एशियाई देशों के लिए पांच; पूर्वी यूरोपीय राज्यों के लिए एक; लैटिन अमेरिकी और कैरेबियन देशों के लिए दो; और पश्चिमी यूरोपीय और अन्य देशों के लिए दो. कनाडा, आयरलैंड और नॉर्वे पश्चिमी यूरोप और अन्य देशों की श्रेणी में दो सीटों के लिए चुनाव लड़ रहे हैं. मेक्सिको एक लैटिन अमेरिका और कैरेबियन सीट के लिए एक मात्र उम्मीदवार है और केन्या जिबूती अफ्रीकी समूह के लिए उपलब्ध सीट पर चुनाव लड़ेंगे.
2021-22 का कार्यकाल महत्वपूर्ण:
2021-22 का कार्यकाल भारत के लिए महत्वपूर्ण होगा, जो सुरक्षा परिषद में सुधार और परिषद की स्थायी सदस्यता लेने के प्रयासों को आगे बढ़ा रहा है. भारत के लिए समर्थन कई ऐसे देशों के साथ बढ़ रहा है, जो इस बात की वकालत कर रहे हैं कि वर्तमान यूएनएससी 21वीं सदी की भू-राजनीतिक वास्तविकताओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है.
7 बार सदस्य रह चुका है भारत:
भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का गैर-स्थाई सदस्य कुल 7 बार रह चुका है. यानी गैर-स्थाई सदस्य के रूप में कुल कार्यकाल 14 वर्षों का रहा है. 2011-12 में भारत अंतिम बार सदस्य बना था. सभी कार्यकालों पर नजर डालें तो 2011-12 से पहले भारत 1950-1951, 1967-1968, 1972-1973, 1977-1978, 1984-1985 और 1991-1992 में यूएनएससी का गैर-स्थाई सदस्य रह चुका है.