चेन्नई, 15 अक्टूबर : तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक ने शनिवार को पार्टी की युवा शाखा के सचिव और विधायक उदयनिधि स्टालिन के नेतृत्व में हिंदी थोपने के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया. उदयनिधि स्टालिन मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के बेटे हैं और द्रमुक में काफी प्रभाव रखते हैं. राज्यभर में पार्टी ने तमिलनाडु में केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों में हिंदी को शिक्षा का माध्यम बनाने के लिए गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाली केंद्र सरकार के संसदीय पैनल की सिफारिश के खिलाफ मार्च निकाला.
कोयंबटूर में हिंदी विरोधी आंदोलन के दौरान डीएमके नेता और पार्टी के शहरी जिला सचिव एन. कार्तिक ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में तमिलनाडु से भाजपा का सफाया हो जाएगा. उन्होंने कहा, "एक राष्ट्र, एक धर्म, एक भाषा की अवधारणा से केंद्र सरकार देश की विविधता को नष्ट करने की कोशिश कर रही है." यह भी पढ़ें : Diwali 2022: झारखंड में दिवाली एवं गुरुपर्व पर रात आठ से दस तक ही चला पायेंगे पटाखे
कार्तिक ने कहा कि द्रमुक हमेशा तमिल भाषा के लिए किसी भी खतरे में सबसे आगे थी और केंद्र सरकार को 1930 और 1965 के दौरान तमिलनाडु में हिंदी विरोधी आंदोलनों की याद दिलाई. द्रमुक नेता और पूर्व मंत्री पोंगलूर एन. पलानीस्वामी ने कहा कि हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में पेश करने के विचार को प्रारंभिक स्तर पर ही रोका जाना चाहिए. राज्य में हिंदी थोपे जाने के खिलाफ राज्यभर में प्रदर्शन हुए.