तेलंगाना में TSRTC बस कर्मचारियों की कल से अनिश्चितकालीन, यात्रियों की बढ़ सकती है मुश्किलें

तेलंगाना स्टेट रोड ट्रांसपोर्टेशन कोर्पोरेशन बस से सफर करने वाले यात्रियों की मुश्किलें कल से बढ़ सकती है. अपनी प्रमुख मांगों को लेकर टीएसआरटीसी बस के कर्मचारी कल यानी शनिवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल (Indefinite Strike) पर जा रहे हैं.

प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

हैदराबाद: तेलंगाना स्टेट रोड ट्रांसपोर्टेशन कोर्पोरेशन (TSRTC) बस से सफर करने वाले यात्रियों की मुश्किलें कल से बढ़ सकती है. अपनी प्रमुख मांगों को लेकर टीएसआरटीसी बस के कर्मचारी कल यानी शनिवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल (Indefinite Strike) पर जा रहे हैं. उनके हड़ताल पर जाने से टीएसआरटीसी बस से सफर करने वाले यात्रियों की मुश्किलें बढ़ सकती है. हालांकि यात्रियों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े टीएसआरटीसी यूनियन सरकार से काफी बातचीत हुई. लेकिन उनकी मांगों को पर विचार नहीं किये जाने पर वे कल से हड़ताल पर जाने को लेकर फैसला लिया है.

टीएसआरटीसी से जुड़े कर्मचारियों की माने हड़ताल पर ना जाना पड़े इसको लेकर सरकार से बात की गई. लेकिन सरकार उनकी मांगों को मानने को तैयार नहीं है. जबकि सरकार को चेता दिया गया था कि उनकी मांगों को मांगा नहीं गया तो वे 5 अक्टूबर से हड़ताल पर चले जाएंगे. इसके बाद भी सरकार ने उनकी मांगों पर विचार नहीं किया. यह भी पढ़े:ट्रकों और बसों की हड़ताल खत्म नहीं हुई तो बढ़ेगी मुसीबत, रोजमर्रा की चीजें होंगी महंगी

टीएसआरटीसी कर्मचारियों की मांगे:

टीएसआरटीसी यूनियन के लोगों की मांग है कि सरकार के साथ टीएसआरटीसी का विलय हो जाए. घाटे में चल रहे आंध्र प्रदेश स्टेट रोड ट्रांसपोर्टेशन कोर्पोरेशन (एपीएसआरटीसी) इकाई का इससे पहले, पड़ोसी राज्य की सरकार में विलय हो गया था. जिसके बाद अब तेलंगाना में भी इसकी मांग उठने लगी है.

विलय से इतर टीएसआरटीस कर्मचारियों की मांगें हैं कि वेतन पुनरीक्षण, नौकरी की सुरक्षा, बकाया राशि का भुगतान और रिक्तियों को सरकार की तरफ से भरा जाना. लाख कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वाले संघ ने कहा कि काम कर रहे पचास फीसदी से ज्यादा लोग अनुबंध के आधार पर कार्यरत हैं, इन्हें पक्का किया जाए.इसके अलावा बसों की संख्या भी बढ़ाई जाए. उन्होंने कहा है कि पिछले पांच सालों में टीएसआरटीसी में एक भी नए कर्मचारी की भर्ती नहीं हुई है. वे चाहते हैं कि नई भर्ती भी की जाए. (इनपुट भाषा)

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