अगरतला: त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भाजपा ने शुक्रवार को अपने माकपा प्रतिद्वंद्वियों को भारी अंतर से हराकर धनपुर और बॉक्सानगर विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में जीत हासिल की. राज्य में पहली बार एक अल्पसंख्यक मुस्लिम उम्मीदवार भगवा पार्टी के टिकट पर जीता है. भाजपा ने बॉक्सानगर सीट माकपा से छीन ली और धनपुर सीट बरकरार रखी. दोनों विधानसभा क्षेत्र कभी वाम दलों के गढ़ हुआ करते थे.
चुनाव अधिकारियों ने कहा कि भाजपा उम्मीदवार तफज्जल हुसैन ने 34,146 मतों के साथ बॉक्सानगर सीट 30,237 मतों के अंतर से जीत ली. माकपा उम्मीदवार मिज़ान हुसैन को केवल 3,909 वोट मिले. Uttarakhand And Tripura Assembly By-Elections: उत्तराखंड और त्रिपुरा उपचुनाव में मिली जीत पर जेपी नड्डा का दावा, कहा- डबल इंजन सरकार के विकास कार्यों पर जनता की मुहर
भाजपा उम्मीदवार बिंदू देबनाथ (30,017 वोट) ने अपने माकपा प्रतिद्वंद्वी कौशिक चंदा (11,146 वोट) को 18,871 वोटों के अंतर से हराकर धनपुर निर्वाचन क्षेत्र में जीत हासिल की.
51 वर्षीय मुस्लिम नेता तफज्जल हुसैन भाजपा उम्मीदवार के रूप में त्रिपुरा विधानसभा के लिए चुने गए पहले मुस्लिम उम्मीदवार हैं. उन्होंने 16 फरवरी को उसी मुस्लिम बहुल बॉक्सानगर निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन माकपा के समसुल हक से 4,631 वोटों के अंतर से हार गए थे. हक की 19 जुलाई को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई, जिसके कारण उपचुनाव कराना पड़ा.
फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के रूप में धनपुर सीट से चुने जाने के कुछ दिन बाद केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद यहां उपचुनाव कराना जरूरी हो गया था.
मंगलवार को हुए उपचुनाव में 86.56 प्रतिशत मत पड़े थे. कुल 93,495 पात्र मतदाताओं ने मतदान किया. राज्य की अन्य दो मुख्य विपक्षी पार्टियों कांग्रेस और टिपरा मोथा पार्टी (टीएमपी) ने पहले वोट शेयर के विभाजन को रोकने के लिए दोनों सीटों पर उम्मीदवार नहीं उतारने की घोषणा की थी.
प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मन के नेतृत्व वाले टीएमपी के नेताओं ने, हालांकि, उपचुनाव से दो दिन पहले, मतदाताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं पर विकल्प छोड़ते हुए, उपचुनाव में माकपा या भाजपा का समर्थन नहीं करने की घोषणा की थी.
प्रदेश पार्टी अध्यक्ष आशीष कुमार साहा के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने माकपा उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया. साहा ने आईएएनएस से कहा, "भाजपा को हराने और 'इंडिया' गठबंधन की जीत सुनिश्चित करने के लिए हमने दोनों विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार किया है."
विपक्षी गठबंधन - भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (इंडिया) के गठन के बाद - 5 सितंबर का उपचुनाव इसकी पहली चुनावी लड़ाई थी.
मतदान के दिन राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्यों और कार्यकर्ताओं पर बड़े पैमाने पर धमकी, धांधली और अनियमितताओं और "आतंकवाद और दुष्कर्म" से निपटने के लिए चुनाव आयोग की "निष्क्रियता" का आरोप लगाते हुए माकपा के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे ने बहिष्कार किया गिनती का बहिष्कार किया था.
दो विधानसभा सीटों पर इस जीत के साथ, 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा की संख्या बढ़कर 33 हो गई, जबकि माकपा की ताकत 11 से घटकर 10 रह गई.
गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे.पी.नड्डा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा सहित भाजपा के कई शीर्ष नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों ने पार्टी उम्मीदवारों को उनकी सफलता के लिए बधाई दी.