तीन तलाक बिल राज्यसभा में आज होगा पेश, विपक्षी दलों का पलड़ा भारी

बीजेपी और कांग्रेस ने व्हिप जारी कर के अपने अपने सदस्यों से सोमवार को राज्यसभा में उपस्थित रहने को कहा है

तीन तलाक बिल (Photo Credits: PTI/ANI)

मुस्लिमों में एक बार में तीन तलाक की प्रथा को अपराध की श्रेणी में लाने वाला तीन तलाक बिल ( Triple Talaq Bill) सोमवार को राज्यसभा (Rajya Sabha) में पेश किया जाएगा. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) राज्यसभा में इस बिल को पेश करेंगे. बिल को गुरुवार को विपक्ष के वॉकआउट के बीच लोकसभा द्वारा मंजूरी दी जा चुकी है. बिल के पक्ष में 245 जबकि विपक्ष में 11 वोट पड़े थे. प्रसाद ने शुक्रवार को दावा किया था कि भले ही राज्यसभा में बीजेपी (BJP) के नेतृत्व वाली एनडीए (NDA) सरकार के पास पर्याप्त संख्या बल नहीं हो लेकिन सदन में इस बिल को समर्थन मिलेगा. बिल को सोमवार को राज्यसभा के विधायी एजेंडे में शामिल किया गया है.

उधर, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इसे प्रवर समिति के पास भेजने के प्रयास में हैं. सत्तारूढ़ बीजेपी और कांग्रेस ने व्हिप जारी कर के अपने अपने सदस्यों से सोमवार को राज्यसभा में उपस्थित रहने को कहा है. अन्य दलों ने भी अपने सांसदों से यह विधेयक सदन में पेश करने के दौरान उपस्थित रहने को कहा है. कांग्रेस ने अपने सांसदों की बैठक बुलाई है. कई विपक्षी दल भी सोमवार की सुबह विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के चैंबर में मुलाकात करके इस मुद्दे पर सदन की अपनी रणनीति बनाएंगे.

विवादित तीन तलाक विधेयक को विपक्षी दलों का कड़ा विरोध झेलना पड़ सकता है. विपक्ष इसे आगे की जांच के लिए प्रवर समिति में भेजने की अपनी मांग को लेकर लामबंद है. सदन के सभापति एम. वेंकैया नायडू के अपनी सास के निधन के कारण सोमवार को सदन में उपस्थित रहने की संभावना नहीं है और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सदन की कार्यवाही के संचालन का जिम्मा संभाल सकते हैं. यह भी पढ़ें- राहुल गांधी में पीएम बनने की सभी खूबियां, बहुमत मिला तो वही बनेंगे प्रधानमंत्री: शशि थरूर

विपक्ष ने तीन तलाक बिल के मजबूत प्रावधानों पर सवाल उठाए हैं. लोकसभा में विपक्ष ने इस विधेयक पर और गौर करने के लिए इसे संसद की ‘संयुक्त प्रवर समिति’ के पास भेजने की मांग की थी. सूत्रों ने कहा कि राज्यसभा में संख्याबल विपक्ष के समर्थन में है जहां यूपीए के पास 112 जबकि एनडीए के पास 93 सदस्य हैं. एक सीट खाली है जबकि बाकी के अन्य दलों के 39 सदस्य न तो एनडीए और ना ही यूपीए से जुड़े हैं और वे विवादित बिल के पारित होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने भी इस बिल को पारित कराने में सभी दलों से समर्थन मांगा है.

एजेंसी इनपुट

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