मोदी सरकार की बड़ी कार्रवाई, अब चीन से आयात नहीं होगा तिरंगा, खादी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उठाया ये कदम
खादी के कपड़े से बने राष्ट्रीय ध्वज के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने चीन और अन्य देशों से तिरंगे के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने 11 अक्टूबर को एक अधिसूचना जारी की, जिसमें भारतीय ध्वज संहिता में 'निर्धारित विनिर्देशों का पालन' नहीं करने को लेकर तिरंगे के आयात पर प्रतिबंध लगाया था.
खादी (Khadi) के कपड़े से बने राष्ट्रीय ध्वज (National Flag) के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने चीन (China) और अन्य देशों से तिरंगे (Tricolour) के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है. विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने 11 अक्टूबर को एक अधिसूचना जारी की, जिसमें भारतीय ध्वज संहिता में 'निर्धारित विनिर्देशों का पालन' नहीं करने (Not Adhering to Specifications Prescribed) को लेकर तिरंगे के आयात पर प्रतिबंध लगाया गया था. सरकार को उम्मीद है कि इससे खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) द्वारा बनाए गए तिरंगे की बिक्री में वृद्धि होगी.
भारतीय ध्वज संहिता के अनुसार, तिरंगा केवल हाथ से कात कर बनाया जा सकता है या हाथ से बुने हुए ऊन, कपास, रेशम खादी और 'बंटिंग' (Bunting) से बनाया जा सकता है. ट्रैफिक सिग्नल पर या स्कूल के बाहर बेचे जाने वाले अधिकांश झंडे या तो प्लास्टिक या गैर-खादी के कपड़े से बने होते हैं और बॉर्डर पार से भेजे जाते हैं. यह भी पढ़ें- मान-सम्मान-अभिमान का प्रतीक है हमारा राष्ट्रीय ध्वज! जानिए तिरंगा फहराने से जुड़े नियम-कानून.
इससे खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा बनाए गए तिरंगे की बिक्री में गिरावट आई है. साल 2017-18 के दौरान खादी और ग्रामोद्योग आयोग की ध्वज बिक्री 3.7 करोड़ रुपये थी, जो 2018-19 में 14 फीसदी घटकर 3.2 करोड़ रुपये हो गई.