बेंगलुरु, 8 जून : महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम के करोड़ों रुपये के गबन के मामले में कर्नाटक भाजपा ने शनिवार को सीबीआई जांच की मांग की.
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कर्नाटक भाजपा ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और पार्टी के अन्य नेता इस घोटाले में शामिल हैं. भाजपा ने कहा, "कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों से जुड़े मामले की जांच अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के तहत गठित एसआईटी द्वारा करना असंभव है. ऐसे में सीएम सिद्दारमैया को इस्तीफा देकर मामले की जांच सीबीआई को सौंप देनी चाहिए.'' यह भी पढ़ें: आबकारी नीति मामला: दिल्ली की अदालत ने कारोबारी अमित अरोड़ा को जमानत दी
आगे कहा, ''मामले में आठवें आरोपी ने कहा है कि जांच सही दिशा में आगे नहीं बढ़ रही है. आरोपी ने अदालत में दायर याचिका में दावा किया है कि मामले की जांच कर रही एसआईटी ने बोर्ड के चेयरमैन, कांग्रेस विधायक बसवराज दद्दल के साथ उनकी बातचीत की आडियो को जब्त कर लिया है. आरोपी को अब सबूत नष्ट होने की आशंका है, और उसने अदालत से इसकी एक प्रति प्राप्त करने की गुहार लगाई है.''
भाजपा ने कहा, ''आरोपी ने अदालत से यह भी अपील की है कि चिकित्सा शिक्षा मंत्री शरण प्रकाश पाटिल के कार्यालय और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के परिसर में रिकॉर्ड किए गए सबूत को भी नष्ट किया जा सकता है. आठवें आरोपी ने याचिका में यह भी कहा है कि असली दोषियों को बचाने के लिए उसे फंसाया गया है.''
निगम में यह घोटाला चंद्रशेखरन (50) की आत्महत्या के बाद सामने आया, जो आदिवासी कल्याण बोर्ड में अकाउंट सुपरिंटेंडेंट के पद पर कार्यरत थे. उन पर कथित तौर पर बड़ी रकम को विभिन्न अवैध खातों में ट्रांसफर करने का दबाव बनाया गया था. यह आरोप लगाया गया कि धनराशि को तेलंगाना और अन्य राज्यों में लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस द्वारा उपयोग करने के लिए हैदराबाद भेजा गया था.