नई दिल्ली: देश में टिक टॉक (TikTok) चलाने को लेकर भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लिया है. मंत्रालय ने टिक टॉक को लेकर कथित तौर पर गूगल और एप्पल को अपने ऐप स्टोर से वीडियो शेयर करने वाली चीनी एप्लिकेशन टिक टॉक को हटाने को लेकर आदेश दिया है. इस आदेश से पहले सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट द्वारा तीन अप्रैल को दिए आदेश पर टिक टॉक की याचिका को खारिज कर दिया था ताकि ऐप के डाउनलोड पर प्रतिबंध लगाया जा सके.
टिक टॉक हटाने को लेकर 3 अप्रैल को मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ ने एक आदेश पारित कर सरकार को देश में टिकटॉक के डाउनलोड पर रोक लगाने का निर्देश दिया. फिर इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाया गया, जिसने इस आधार पर आदेश को रोकने से इनकार कर दिया कि यह मामला अभी भी उप-न्यायिक है जिस पर कोर्ट में सुनवाई होने वाली है. यह भी पढ़े: TikTok एप से सोशल मीडिया पर धूम मचाने वाली इस लड़की की चमकी किस्मत, फिल्म इंडस्ट्री से मिला बड़ा ऑफर
टिक टॉक के जरिये अश्लीलता परोसी जा रही है: मद्रास हाई कोर्ट
इस ऐप को लेकर मद्रास है कोर्ट ने चिंता जताते हुए कहा था कि ऐसे ऐप के माध्यम से "अश्लील और अनुचित सामग्री" उपलब्ध कराई जा रही है. न्यायमूर्ति एन किरुबाकरन और न्यायमूर्ति एस एस सुंदर की पीठ ने मीडिया को टिक टॉक पर बनी वीडियो क्लिप का प्रसारण नहीं करने का भी निर्देश दिया था. इस ऐप क पर लोग छोटे-छोटे वीडियो बनाकर उन्हें साझा करते हैं. इसलिए इस ऐप को हटाया जाए.(इनपुट भाषा)