कोरोना महामारी के संकट में भगवान बुद्ध के विचार और प्रासंगिक : प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सभी को धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस और आषाढ़ पूर्णिमा की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज हम गुरु-पूर्णिमा भी मनाते हैं, और आज के ही दिन भगवान बुद्ध ने बुद्धत्व की प्राप्ति के बाद अपना पहला ज्ञान संसार को दिया था.
नई दिल्ली, 24 जुलाई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शनिवार को सभी को धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस (Dhammachakra Enforcement Day) और आषाढ़ पूर्णिमा की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज हम गुरु-पूर्णिमा भी मनाते हैं, और आज के ही दिन भगवान बुद्ध ने बुद्धत्व की प्राप्ति के बाद अपना पहला ज्ञान संसार को दिया था. हमारे यहां कहा गया है, जहां ज्ञान है वहीं पूर्णता है, वहीं पूर्णिमा है और जब उपदेश करने वाले स्वयं बुद्ध हों, तो स्वाभाविक है कि ये ज्ञान संसार के कल्याण का पर्याय बन जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, "आज कोरोना महामारी के रूप में मानवता के सामने वैसा ही संकट है जब भगवान बुद्ध हमारे लिए और भी प्रासंगिक हो जाते हैं. बुद्ध के मार्ग पर चलकर ही बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना हम कैसे कर सकते हैं, भारत ने ये करके दिखाया है."
प्रधानमंत्री ने कहा, "त्याग और तितिक्षा से तपे बुद्ध जब बोलते हैं तो केवल शब्द ही नहीं निकलते,बल्कि धम्मचक्र का प्रवर्तन होता है. इसीलिए, तब उन्होंने केवल पांच शिष्यों को उपदेश दिया था, लेकिन आज पूरी दुनिया में उन शब्दों के अनुयायी हैं, बुद्ध में आस्था रखने वाले लोग हैं." प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सारनाथ में भगवान बुद्ध ने पूरे जीवन का, पूरे ज्ञान का सूत्र हमें बताया था. यह भी पढ़ें : Maharashtra Landslide: बारिश-भूस्खलन से अब तक 136 लोगों की मौत, रायगढ़ में 50 ग्रामीणों के मलबे में दबे होने की आशंका
उन्होंने दु:ख के बारे में बताया, दु:ख के कारण के बारे में बताया, ये आश्वासन दिया कि दु:खों से जीता जा सकता है, और इस जीत का रास्ता भी बताया. भगवान बुद्ध ने हमें जीवन के लिए अष्टांग सूत्र, आठ मंत्र दिये. उन्होंने कहा, "बुद्ध के सम्यक विचार को लेकर आज दुनिया के देश भी एक दूसरे का हाथ थाम रहे हैं, एक दूसरे की ताकत बन रहे हैं. इस दिशा में 'इंटरनेशनल बुद्धिष्ट कनफेडरेशन' का 'केयर विथ प्रेयर इनिशिएटिव' ये भी बहुत प्रशंसनीय है."