Loksabha Elections: मध्यप्रदेश में इस बार 85 साल से ज्यादा उम्र के 3 लाख बुजुर्ग मतदाता
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भोपाल:मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया है कि लोकसभा की 29 सीटों पर 5 करोड़ 64 लाख से अधिक मतदाता मतदान करेंगे. इनमें 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं की संख्या लगभग तीन लाख है. वहीं, 18 से 19 साल के मतदाताओं की संख्या लगभग 16.50 लाख है.

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने चुनावी तैयारी का ब्योरा देते हुए बताया कि राज्य में मतदाताओं की संख्या 5 करोड़ 64 लाख 76 हजार 110 है. इनमें पुरुष मतदाता लगभग 2 करोड़ 90 लाख और महिला मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 74 लाख है. थर्ड जेंडर मतदाता 1,228 और विदेश में रहने वालों की संख्या 118 है.सर्विस वोटर 74,835 हैं। इनमें 18 से 19 साल के मतदाताओं की संख्या 16 लाख 49 हजार 641 है.

उन्होंने आगे बताया कि चुनाव आयोग ने 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं के लिए घर से ही वोट करने की व्यवस्था की है. ऐसे मतदाताओं की संख्या 2 लाख 89 हजार 503 है. जबकि, दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 5 लाख 79 हजार 130 है. विधानसभा चुनाव में 80 साल से अधिक उम्र के मतदाताओं को घर से वोट करने की सुविधा प्राप्त थी. इस बार कुछ संशोधन हुआ है और 85 वर्ष की आयु से अधिक के लोग ही घर से मतदान कर सकेंगे.

राज्य की लोकसभा सीटों की स्थिति का विवरण देते हुए अनुपम राजन ने बताया कि सबसे कम मतदाता छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र में हैं.जबकि, सबसे अधिक मतदाता इंदौर संसदीय क्षेत्र में हैं. यह संख्या 25.13 लाख से ज्यादा है.राज्य में 1,000 पुरुषों पर 947 महिलाएं हैं.बालाघाट ऐसा संसदीय क्षेत्र है, जहां 1,000 पुरुषों पर 1,014 महिलाएं हैं. यह भी पढ़े :गर्मी शुरू होते ही जल संकट में Bundelkhand,प्रशासन ने Tube well की Mining पर लगाईं रोक

उन्होंने आगे बताया कि राज्य में कुल 64,523 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे.इनमें सहायक केंद्रों की संख्या 317 होगी.लगभग 3,500 मतदान केंद्र ऐसे होंगे, जिनका पूरी तरह महिलाओं द्वारा संचालन किया जाएगा, इसके अलावा 250 मतदान केंद्र दिव्यांगों द्वारा संचालित किए जाएंगे.

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि राज्य में चार चरणों में चुनाव होने हैं.आचार संहिता लागू हो चुकी है और लाइसेंसी हथियारों जमा किए जा रहे हैं.राज्य में 2,84,503 लाइसेंस वाले हथियार हैं, जिनमें से लगभग 2.15 लाख हथियार जमा किए जा चुके हैं.लगभग 500 नाकों पर भी कार्रवाई शुरू हो गई है. मतदान दलों और ईवीएम को ले जाने वाले वाहनों में जीपीएस लगा होगा, जिससे उनकी उपस्थिति के बारे में आसानी से पता किया जा सकेगा.