नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Subhas Chandra Bose) आज भी देशवासियों के मन में समाये हुए हैं, खास तौर से युवा उनसे हमेशा से प्रभावित रहे हैं. नेताजी के पराक्रम की बात उठते ही मन में एक कौतूहल सा मच जाता है और उनके निधन से जुड़ी बातें पढ़कर ढेर सारे सवाल मन में घूमने लगते हैं. देश के इस महान सपूत को लोग अपने-अपने तरीके से याद करते हैं, लेकिन वाराणसी में एक मंदिर ऐसा है जहां नेताजी की पूजा की जाती है.
देश के सबसे पहले सशस्त्र बल की स्थापना करने वाले नेता जी का 'तुम मुझे खून दो मैं, तुम्हें आजादी दूंगा' नारा आज भी बच्चों-बूढ़ों को प्रेरित करता है. साल 2020 में उत्तर प्रदेश के वाराणसी में विशाल भारत संस्थान द्वारा आयोजित दो दिवसीय सुभाष महोत्सव के तहत नेताजी के पहले मंदिर की प्रतिमा स्थापित की गई. यह देश का पहला सुभाष मंदिर है, जहां पर नेता जी की पूजा होती है. खास बात यह है कि यहां हर रोज राष्ट्रगान होता है. यह भी पढ़े: पश्चिम बंगाल: CM ममता बनर्जी ने सुभाष चंद्र बोस को अर्पित की श्रद्धांजलि, कहा- नेताजी एक सच्चे नायक थे, जो एकता में विश्वास रखते थे
इस मंदिर के ज्यादातर पुजारी दलित वर्ग से हैं, जो सुबह-शाम नेता जी की प्रतिमा एवं भारत माता का पूजन करते हैं. यह मंदिर सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक सभी के लिए खुलता है. यहां पर सभी धर्म के लोग आकर नेता जी का दर्शन पूजन कर सकते हैं.