नई दिल्ली: भारत-बांग्लादेश सीमा पर एक नई आतंकवादी साजिश का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें कुख्यात आतंकवादी संगठन हरकत-उल-जिहाद और जेल से फरार हुए अपराधियों का हाथ है. यह साजिश पाकिस्तान के समर्थन से रची जा रही है. रिपोर्ट्स के अनुसार, आतंकवादी भारत-बांग्लादेश सीमा पर हमला करने की तैयारी में हैं और इसके लिए पाकिस्तान से हथियार और फंडिंग मिल रही है.
क्या है साजिश का पूरा खेल?
खुफिया रिपोर्ट्स के अनुसार जेल से फरार हुए आतंकवादियों और अपराधियों ने मिलकर 50 सदस्यों का एक समूह बनाया है, जो सीमा पर हमला करने की तैयारी कर रहा है. 1971 में पाकिस्तान द्वारा बांग्लादेश भेजे गए हथियारों को अब इस साजिश में इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके साथ ही पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI इस साजिश में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. वह आतंकवादियों को न केवल हथियार बल्कि धन और प्रशिक्षण भी उपलब्ध करवा रही है.
रिपोर्ट्स में यह भी खुलासा हुआ है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के तीन सलाहकार भी इस साजिश के समर्थक हैं. पाकिस्तान के इशारे पर ये सलाहकार आतंकवादियों को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन दे रहे हैं. यह सहयोग भारत-बांग्लादेश के बीच रिश्तों को खराब करने की साजिश का हिस्सा है.
माहौल बिगाड़ने की कोशिश में पाक
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के प्रशिक्षित आतंकवादी भी इस साजिश में शामिल हैं. जमात-ए-इस्लामी जैसे संगठनों की भी भूमिका उजागर हुई है, जो इस हमले के लिए आतंकवादियों को संगठित कर रहे हैं. यह संगठन भारत के भीतर या सीमा पर किसी बड़ी घटना को अंजाम देकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है.