इतिहास में 20 जनवरी: पहली बार सिनेमैटोग्राफर को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से लेकर भारत में 'मोबाइल पोर्टेबिलिटी' सेवाओं की शुरुआत तक इस दिन का महत्त्व
दादा साहब फाल्के पुरस्कार (Photo Credit- Twitter)

नई दिल्ली:  फिल्म निर्माण की बात करें तो संख्या के लिहाज से भारत का दुनिया में पहला स्थान है और हर फिल्म के निर्माण में पर्दे के पीछे से सहयोग देने वालों में सिनेमेटोग्राफर का एक अहम योगदान होता है. फिल्म निर्माण में उल्लेखनीय योगदान देने वालों को पुरस्कृत करने के लिए वर्ष 1969 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार ( Dadasaheb Phalke Award) की स्थापना की गई और फिल्मी दुनिया के महान सिनेमेटोग्राफर वी के मूर्ति को वर्ष 2008 का दादा साहब फाल्के पुरकार दिया गया.

पिछली पीढ़ी के लोग वी के मूर्ति के नाम से वाकिफ होंगे. 1957 से 1962 के बीच में आई गुरुदत्त की बेहतरीन श्वेत श्याम फ़िल्मों 'चौदहवीं का चाँद' (Chaudhvin Ka Chand), 'कागज के फूल' (Kaagaz Ke Phool) और 'साहब बीवी और गुलाम' (Sahib Bibi Aur Ghulam) को फ़िल्माने वाले सिनेमेटोग्राफर वी के मूर्ति को वर्ष 2008 के प्रतिष्ठित दादासाहब फाल्के पुरस्कार के लिए चुना गया और उन्हें 20 जनवरी 2010 को यह पुरस्कार प्रदान किया गया. एक सिनेमेटोग्राफर को फिल्म जगत का यह सर्वोच्च सम्मान हासिल करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा.

देश दुनिया के इतिहास में 20 जनवरी की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-

1957:-  प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, ट्रांबे (बंबई) में स्थापित देश के पहले परमाणु रिएक्टर अप्सरा का उद्घाटन किया.

1961:- अमेरिका के राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने ऐतिहासिक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने देशवासियों से कहा, ‘‘यह मत पूछो कि तुम्हारा देश तुम्हारे लिए क्या कर सकता है बल्कि यह बताओ कि तुम अपने देश के लिए क्या कर सकते हो.’’

1980:- अमेरिका ने मास्को में आयोजित होने वाले ओलंपिक खेलों के बहिष्कार का ऐलान किया.

1981:- ईरान में बंधक संकट समाप्त. अयातुल्लाह खुमैनी ने 15 महीने से बंधक बनाए गए 52 अमेरिकियों को रिहा कर दिया.

1988:- स्वतंत्रता सेनानी भारत रत्न ख़ान अब्दुल गफ़्फ़ार ख़ान का निधन.

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2009:- बराक ओबामा अमेरिका के 44वें राष्ट्रपति बने. वह यह पद ग्रहण करने वाले अफ्रीकी मूल के पहले अमेरिकी थे.

2010:-  एशिया की विशालतम विमान सेवा 'जापान एयरलांइस' ने खुद को दीवालिया घोषित किया.

2011:- भारत में 'मोबाइल पोर्टेबिलिटी' सेवाओं की शुरुआत होने से नंबर बदले बिना सेवा प्रदाता को बदलने की सुविधा मिली.