खस्ताहाल सरकारी बैंकों को केंद्र सरकार की मदद, वित्तीय सुधार के लिए मार्च 2019 तक डाले जाएंगे 42,000 करोड़ रुपए
केंद्र सरकार ने देश के खस्ताहाल हुए सरकारी बैंकों के वित्तीय सुधार में ध्यान में रखते हुए मदद का हाथ बढ़ाया है. जानकारी के मुताबिक, सरकार चालू वित्त वर्ष के अंत तक यानी मार्च 2019 तक कर्जो के डूबने से खस्ताहाल हुए सरकारी बैंकों में 42,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार (Central Government) ने देश के खस्ताहाल हुए सरकारी बैंकों (Government Banks) के वित्तीय सुधार में ध्यान में रखते हुए मदद का हाथ बढ़ाया है. जानकारी के मुताबिक, सरकार चालू वित्त वर्ष के अंत तक यानी मार्च 2019 तक कर्जों के डूबने से खस्ताहाल हुए सरकारी बैंकों में 42,000 करोड़ रुपए की पूंजी डालेगी, ताकि उनकी वित्तीय सेहत में सुधार हो सके, इस बाबद वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने सोमवार को जानकारी देते हुए कहा कि हम दिसंबर के मध्य से सरकारी बैंकों में पुर्नपूंजीकरण का अगला भाग डालेंगे. चालू वित्त वर्ष के अंत तक कुल 42,000 करोड़ रुपये की पूंजी सरकारी बैंकों में डाली जाएगी.
सरकार ने देश के विकास दर को बढ़ावा देने के लिए साल 2017 के अक्टूबर में सरकारी बैंकों में अगले दो सालों में 2.11 लाख करोड़ रुपये की पूंजी डालने की घोषणा की थी। ये 42,000 करोड़ रुपये की रकम उसी योजना का हिस्सा है.
सरकार 2.11 लाख करोड़ रुपये की पूंजी में से 1.35 लाख करोड़ रुपये बांड के माध्यम से सरकारी बैंकों में डालेगी. इसके अलावा बजटीय प्रावधान के जरिए 1,139 करोड़ रुपये और सरकारी इक्विटी की बिक्री कर 58,000 करोड़ रुपये डाले जाएंगे. यह भी पढ़ें: RBI ने नियमों का उल्लंघन करने पर ड्युश बैंक और जेएंडके बैंक पर ठोका 3 करोड़ का जुर्माना
पुर्नपूंजीकरण के तहत, 1.35 लाख करोड़ रुपये में से सरकार अब तक बैंकों में 82,000 करोड़ रुपये की रकम डाल चुकी है. जुलाई में सरकार ने पांच बैंकों - पंजाब नेशनल बैंक, इलाहाबाद बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक में 11,336 करोड़ रुपये की रकम डाली थी.