जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के हौसले पस्त, आतंकी वारदातो में आई 60 फीसदी की कमी- सेना सतर्क
जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद-रोधी अभियान के चलत पिछले एक साल के दौरान आतंकी वारदातों में भारी कमी आई है. इसके साथ ही घाटी में आतंकियों की संख्या भी काफी कम हुई है. जबकि आने वाले समय में शांतिपूर्ण माहौल बने रहने की उम्मीद जताई गई है.
श्रीनगर: जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) में आतंकवाद-रोधी अभियान के चलत पिछले एक साल के दौरान आतंकी वारदातों में भारी कमी आई है. इसके साथ ही घाटी में आतंकियों की संख्या भी काफी कम हुई है. जबकि आने वाले समय में शांतिपूर्ण माहौल बने रहने की उम्मीद जताई गई है.
जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह (Dilbagh Singh) ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए जानकारी दी कि राज्य में आतंकियों की संख्या पहले से काफी कम हुई है. साल 2019 के पहले महीने की तुलना में इस साल आतंकवाद से संबंधित अपराधों में 60 फीसदी की कमी आई है. हम इस प्रवृत्ति को बनाए रखना चाहते हैं. जम्मू-कश्मीर में IPC और CrPC सहित 37 केंद्रीय कानून आज से लागू
उन्होंने कहा “अलग-अलग स्तर पर शांति बनाए रखने की कोशिशे की जा रही है. शांति के उपायों को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं. पिछले 30 वर्षों में उग्रवाद के कारण लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है, निर्दोष लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. इस सब में अब कमी आई है.”
इससे पहले पुलिस अधिकारी ने कहा था कि इस साल गर्मियों में घाटी में शांतिपूर्ण माहौल बने रहने की उम्मीद है. सिंह कश्मीर में गर्मियों के दौरान किसी गड़बड़ी के अंदेशे को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे.
उत्तरी सेना कमांडर जनरल वाई के जोशी ने गुरुवार को बताया कि पिछले छह महीनों में कश्मीर में हिंसा और पथराव की घटनाओं में भारी गिरावट आई है. घाटी में शांति और सामान्य स्थिति सुनिश्चित करने में सेना अपनी भूमिका निभा रही है. माना जा रहा है कि राज्य में अभी भी करीब 250 आतंकी सक्रिय हैं.
उल्लेखनीय है घाटी में लंबे समय से आतंकियों के खात्मे के लिए सेना अभियान चला रही है. जनवरी महीने में सुरक्षाबलों ने कई आतंकी मॉड्यूलों का भंडाफोड़ किया था. आर्टिकल 370 के निरस्त होने के बाद से सुरक्षाबल और सतर्कता बरत रहे है और आतंकियों के हर नापाक मंसूबे को नाकाम कर रहे हैं.