कश्मीर के गांदरबल में एक सुरंग परियोजना के कर्मचारियों के कैंप हर हुए हमले को एक बड़े आतंकी हमले के रूप में देखा जा रहा है. यह प्रदेश में किसी बड़ी निर्माण परियोजना पर इस तरह का पहला हमला है.रविवार, 20 अक्टूबर को गांदरबल जिले के गगनगीर में एक सुरंग परियोजना पर काम कर रहे कर्मचारियों के एक अस्थायी कैंप पर संदिग्ध आतंकवादियों ने हमला कर दिया. हमले में सुरंग बनाने वाली कंपनी के सात कर्मचारी मारे गए और कम से कम पांच कर्मचारी घायल हो गए.
मरने वालों में दूसरे राज्यों के अलावा स्थानीय लोग भी शामिल थे. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक मरने वालों में कुछ श्रमिक, सेफ्टी मैनेजर, मैकेनिकल इंजीनियर और डॉक्टर शामिल थे. ये सभी बिहार, मध्य प्रदेश, जम्मू और कश्मीर के रहने वाले थे.
शांतिपूर्ण रहा है गांदरबल
घायलों में दो श्रमिक कश्मीर, दो जम्मू और एक बिहार से हैं. सबका श्रीनगर में इलाज चल रहा है. अभी तक किसी संगठन के इस हमले की जिम्मेदारी लेने की खबर नहीं है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक सुरक्षा एजेंसियों का अनुमान है कि कम से कम दो हमलावर थे जिनके पास भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद था.
उनकी मंशा अधिकतम लोगों को मार गिराने की थी जिसके लिए उन्होंने कैंप में कई ठिकानों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं. श्रीनगर और दिल्ली, दोनों जगह इस हमले को लेकर चिंता की लहर दौड़ गई है. यह पहली बार है जब जम्मू-कश्मीर में इस तरह की किसी बड़ी निर्माण परियोजना पर आतंकी हमला हुआ है.
यह हमला हाल ही में प्रदेश में लंबे अरसे बाद हुए विधानसभा चुनावों के तुरंत बाद हुआ है. हमला इसलिए भी ज्यादा संवेदनशील है क्योंकि यह इलाका नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के निर्वाचन क्षेत्र के तहत पड़ता है. गांदरबल श्रीनगर के करीब ही स्थित है लेकिन इसे आम तौर पर शांतिपूर्ण इलाका माना जाता रहा है. यहां लंबे समय से कोई आतंकी हमला नहीं हुआ था.
सुरंग परियोजना की अहमियत
मरने वाले लोग जिस परियोजना पर काम कर रहे थे उसके तहत गांदरबल को सोनमर्ग से जोड़ने के लिए 6.4 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जा रही है, जिसे जेड-मोड़ सुरंग कहा जाता है. इसके बन जाने के बाद लोकप्रिय पर्यटक स्थल सोनमर्ग तक हर मौसम में आसानी से पहुंचा जा सकेगा.
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