जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद आतंकी गतिविधियों में 34 प्रतिशत कमी आई, 2024 तक हर राज्य में NIA के दफ्तर होंगे: अमित शाह

हरियाणा के सूरजकुंड में 2 दिवसीय चिंतन शिविर का केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उद्घाटन किया. इसमें राज्यों के गृह मंत्री हिस्सा ले रहे हैं. उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद आतंकवादी गतिविधियों में 34 प्रतिशत की कमी आई है

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Photo Credit : Twitter)

नई दिल्ली: हरियाणा के सूरजकुंड में 2 दिवसीय चिंतन शिविर का केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने (Amit Shah) उद्घाटन किया.  इसमें राज्यों के गृह मंत्री हिस्सा ले रहे हैं. उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद आतंकवादी गतिविधियों में 34 प्रतिशत की कमी आई है. वहीं उन्होंने बताया कि 2024 तक हर राज्य में एनआईए शाखाएं स्थापित करने का सरकार ने फैसला किया है.  केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद, आतंकवादी गतिविधियों में 34 प्रतिशत की कमी, सुरक्षा बलों की मृत्यु में 64 प्रतिशत की कमी और नागरिक मौतों में 90 प्रतिशत की कमी आई है. इसके अलावा 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर में 57,000 करोड़ रुपये का निवेश भी आया है.

अमित शाह ने आगे कहा कि एनआईए को अलौकिक अधिकार दिए गए हैं। हमने 2024 तक हर राज्य में एनआईए शाखाएं स्थापित करने का फैसला किया है. वहीं उन्होंने कहा सीमा पार अपराधों से प्रभावी ढंग से निपटना राज्यों और केंद्र की सामूहिक जिम्मेदारी है. उन्होंने बताया कि सीआरपीसी और आईपीसी में सुधार के संबंध में विभिन्न सुझाव प्राप्त हुए हैं. मैं इसे विस्तार से देख रहा हूं। हम बहुत जल्द संसद में नए सीआरपीसी, आईपीसी ड्राफ्ट लेकर आएंगे. यह भी पढ़े: जम्‍मू-कश्‍मीर वालों के लिए खुशखबरी, 4G इंटरनेट सेवा बहाल, धारा 370 हटने के बाद से था ठप

अमित शाह ने बताया कि गैर सरकारी संगठनों द्वारा इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम में संशोधन किया गया है। वहीं सरकार ने ऐसे गैर सरकारी संगठनों के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं, जो भारत के विकास में बाधा उत्पन्न कर रहे थे.

अमित शाह ने भी कहा कि यह चिंतन शिविर साइबर अपराधों, नशीले पदार्थों, सीमा पार आतंकवाद, देशद्रोह और अन्य से निपटने के लिए एक संयुक्त योजना बनाने में मदद करेगा.गौरतलब है कि गृहमंत्रियों के इस सम्मेलन में सभी राज्यों के गृहमंत्री, संघ शासित प्रदेशों के उप-राज्यपाल और प्रशासक शमिल हुए हैं.

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