Terror Funding Case: कोर्ट ने यासीन मलिक, अन्य के खिलाफ आरोप तय किए
यासीन मलिक (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक अदालत (Court) ने लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के संस्थापक हाफिज सईद (Hafiz Saeed), हिजबुल मुजाहिदीन (Hizbul Mujahideen) प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन (Syed Salahuddin) और अन्य के खिलाफ आतंकी फंडिंग मामले (Terror Funding Cases) के संबंध में यूएपीए (UAPA) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय किए हैं. जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों में NIA कर रही छापेमारी, खुल सकते है आतंकी फंडिंग से जुड़े कई राज

यासीन मलिक, शब्बीर शाह, मसर्रत आलम, पूर्व एमएलए राशिद इंजीनियर, व्यवसायी जहूर अहमद शाह वटाली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहमद शाह, नईम खान, बशीर अहमद भट, उर्फ पीर सैफुल्ला और कई अन्य कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं. इनके खिलाफ आपराधिक साजिश, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों के संबंध में आरोप तय किए गए हैं.

16 मार्च के आदेश में, एनआईए के विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने कहा, "उपरोक्त विश्लेषण से पता चलता है कि गवाहों और दस्तावेजी साक्ष्यों के बयानों ने लगभग सभी आरोपियों को एक-दूसरे के साथ और अलगाव के एक सामान्य उद्देश्य से, उन्हें पाकिस्तानी प्रतिष्ठान के मार्गदर्शन और वित्त पोषण के तहत आतंकवादी/आतंकवादी संगठनों के साथ उनके घनिष्ठ संबंधों के साथ जोड़ा है."

विशेष रूप से, अदालत ने तीन अन्य लोगों कामरान यूसुफ, जावेद अहमद भट्ट और सैयद आसिया फिरदौस अंद्राबी को आरोपमुक्त कर दिया है.

यह मामला इस्लामिक स्टेट द्वारा समर्थित विभिन्न आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), हिजबुल-मुजाहिदीन (एचएम), जम्मू एंड कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ), जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) से संबंधित है, जो युवाओं को आतंकवादी बनाने और अलगाववादी गतिविधियों के साथ जम्मू एवं कश्मीर राज्य में उन्माद फैलाने में लिप्त हैं.