Tejashwi Yadav On Darbhanga AIIMS: केंद्र सरकार के कारण दरभंगा एम्स के निर्माण में विलंब हुआ; तेजस्वी यादव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दरभंगा एम्स का शिलान्यास किया. दूसरी तरफ राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि दरभंगा एम्स पहले ही बन गया होता, केंद्र सरकार के कारण विलंब हुआ.

पटना, 13 नवंबर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दरभंगा एम्स का शिलान्यास किया. दूसरी तरफ राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि दरभंगा एम्स पहले ही बन गया होता, केंद्र सरकार के कारण विलंब हुआ. राजद के नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को मुजफ्फरपुर रवाना होने से पहले कहा कि हमलोग दरभंगा के शोभन में जमीन लेकर गए थे. यह लोग डीएमसीएच परिसर में ही बनाना चाहते थे. हम लोग चाहते थे कि एम्स डीएमसीएच में ना बने, बाहर जाकर बने ताकि शहर का विकास हो सके. डीएमसीएच तो धरोहर रहा है, राज्य सरकार खुद विस्तार करने का काम कर रही है. डीएमसीएच भी बनेगा और एम्स बनेगा, जो भी विलंब हुआ, वह केंद्र सरकार के कारण हुआ.

उन्होंने कहा कि सारा काम तो हमलोग का किया हुआ है. यह लोग तो मना कर रहे थे. हम लोग ने इसके लिए केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी थी. सबकुछ ऑन रिकॉर्ड है कि किसकी बदौलत क्या हो रहा है. इससे पहले विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने एक्स पर लिखा कि विकास कार्यों में भाजपा की सोच सीमित और छोटी है. उनकी सीमित सोच में राजनीति के अलावा और किसी के लिए जगह नहीं है. स्वास्थ्य जैसे गंभीर विषय पर भाजपाइयों से दूरदर्शिता की अपेक्षा करना बेकार है. जिस तरह दरभंगा एम्स के लिए भाजपाई डीएमसीएच कैंपस पर ही अड़े थे, वह यह दर्शाता था कि उनके दिमाग में राजनीति के अलावा कुछ नहीं है. जो स्थल हमने बिहार के उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री रहते दरभंगा एम्स के लिए सुझाया था, उससे भविष्य के लिए भी विस्तारीकरण, उन्नतिकरण, सुव्यवस्थितिकरण, रोजगार सृजन के अनेक संभावनाओं के लिए स्वतः रास्ते खुलते हैं. यह भी पढ़ें : MP By-Election 2024: मध्य प्रदेश उपचुनाव में कांग्रेस ने लगाया गड़बड़ी का आरोप, निर्वाचन पदाधिकारी से की शिकायत

उन्होंने आगे लिखा कि अफसोस के साथ संतुष्टि है कि छह वर्षों बाद केंद्र-राज्य में डबल इंजन सरकार रहने के बावजूद प्रधानमंत्री उसी स्थल पर निर्माण की आधारशिला रखेंगे. संतुष्टि इसलिए भी है कि हमने 17 महीनों में चार-पांच साल से उलझे विवाद एवं मुद्दे को सुलझाया तथा नया स्थल सुझाया. अब चार-पांच साल बाद बिहारवासियों को इलाज की सुविधा मिलनी शुरू होगी. एक प्रोजेक्ट को पूर्ण करने में डबल इंजन सरकार एक दशक लगाती है.

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