Tamil Nadu: तमिलनाडु में अनुसूचित जाति के पंचायत अध्यक्ष ने जाति के कारण उत्पीड़न की शिकायत की
तमिलनाडु के मदुरै जिले के पलायूर की एक अनुसूचित जाति पंचायत अध्यक्ष ने राज्य के मुख्य सचिव और जिला कलेक्टर को शिकायत दर्ज कराई है कि अनुसूचित जाति समुदाय से होने के कारण ऊंची जाति के लोगों द्वारा उसे परेशान किया जाता है.
चेन्नई, 4 मार्च : तमिलनाडु के मदुरै जिले के पलायूर की एक अनुसूचित जाति पंचायत अध्यक्ष ने राज्य के मुख्य सचिव और जिला कलेक्टर को शिकायत दर्ज कराई है कि अनुसूचित जाति समुदाय से होने के कारण ऊंची जाति के लोगों द्वारा उसे परेशान किया जाता है. पंचायत अध्यक्ष एस. विद्या ने मुख्य सचिव को दी शिकायत में कहा कि पुलिस ने अभी तक ऊंची जाति के बहुल इलाके में पीने के पानी की टंकी में मानव मल पाए जाने का मामला दर्ज नहीं किया है.
विद्या ने कहा कि पानी की टंकी में मानव मल होने की शिकायत दिसंबर 2022 में की गई थी, लेकिन पुलिस ने साक्ष्य के अभाव में मामला दर्ज नहीं किया. पंचायत अध्यक्ष ने यह भी कहा कि पलायूर पंचायत में तीन गांव हैं, करिसालपट्टी, कट्टारापट्टी और पलायूर. विद्या ने बताया कि जहां पलैयूर गांव में अनुसूचित जाति समुदाय के लोग अधिक हैं, वहीं अन्य दोनों गांवों में उच्च जाति और अल्पसंख्यकों का वर्चस्व है. उन्होंने बताया कि पानी की टंकी को जानबूझकर किसी ने उसकी छवि खराब करने के लिए दूषित किया था क्योंकि वह अनुसूचित जाति समुदाय से संबंधित है. यह भी पढ़ें : Delhi: दिल्ली सरकार महिलाओं को देगी 50 फीसदी ड्राइविंग प्रशिक्षण शुल्क
विद्या ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "पंचायत अध्यक्ष बनने के बाद, मैंने कई मुद्दों का सामना किया है. ऐसे उदाहरण थे, जब मैं अपने कार्यालय के कमरे में प्रवेश करती थी, जिसमें मानव मल पाया जाता था. ऐसे उदाहरण भी थे, जब मानव मल को पीने के पानी में मिलाया गया था. शिकायत दर्ज कराई, लेकिन किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया." उन्होंने कहा कि उनके पदभार ग्रहण करने के बाद पंचायत भवन के चारों ओर चहारदीवारी का निर्माण किया गया और उसके बाद कार्यालय की दीवारों पर मानव मल फेंकने की कई घटनाएं रुकीं. मदुरै के जिला कलेक्टर डॉ. अनीश शेखर ने कहा कि उनकी शिकायत के आधार पर विस्तृत जांच की जा रही है. जिला पुलिस अधीक्षक ने यह भी कहा कि पानी की टंकी में मानव मल होने की शिकायत के संबंध में जांच की जा रही है.