Tamil Nadu: CM एमके स्टालिन ने केंद्र से की CAA को रद्द करने की मांग, तमिलनाडु विधानसभा में प्रस्ताव पेश

विधानसभा में CAA के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव पर बोलते हुए स्टालिन ने कहा, 'नागरिकता संशोधन अधिनियम शरणार्थियों के साथ उनकी धार्मिक संबद्धता और राष्ट्रीयता के आधार पर भेदभाव करने के लिए बनाया गया था, उनकी स्थिति की परवाह किए बिना.'

सीएम एमके स्टालिन (Photo credits: ANI)

चेन्नई: तमिलनाडु (Tamil Nadu) के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (MK Stalin) ने राज्य विधानसभा में CAA के विरोध में प्रस्ताव पेश किया है. इस प्रस्ताव में उन्होंने केंद्र सरकार से नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act 2019 ) को निरस्त करने की अपील की है. विधानसभा में CAA के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव पर बोलते हुए स्टालिन ने कहा, 'नागरिकता संशोधन अधिनियम शरणार्थियों के साथ उनकी धार्मिक संबद्धता और राष्ट्रीयता के आधार पर भेदभाव करने के लिए बनाया गया था, उनकी स्थिति की परवाह किए बिना.' CAA: सीएए को लागू करने के लिए जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ, 53.3 प्रतिशत लोग सहमत.

तमिलनाडु के सीएम ने CAA को निरस्त करने का आग्रह किया. स्टालिन ने कहा कि यह अधिनियम हमारे संविधान में निर्धारित धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के अनुरूप नहीं है और सांप्रदायिकता भारत में जो सद्भाव कायम है उसके लिए भी अनुकूल नहीं है.

CAA हो निरस्त: एमके स्टालिन 

स्टालिन ने कहा, "लोकतांत्रिक सिद्धांतों के अनुसार, समाज के सभी वर्गों के लोगों की आकांक्षाओं और चिंताओं को ध्यान में रखते हुए एक देश को शासन करना चाहिए. लेकिन, यह स्पष्ट रूप से देखा गया है कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम इस तरह से पारित किया गया था कि यह शरणार्थियों को उनकी दुर्दशा को देखते हुए समर्थन नहीं देता है, बल्कि उनके धर्म और उनके मूल देश के अनुसार भेदभाव करता है."

स्टालिन ने कहा, देश में एकता और सांप्रदायिक सद्भाव को बनाए रखने और भारत के संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए, सदन केंद्र सरकार से नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 को निरस्त करने का आग्रह करता है.

इस कदम के बाद विपक्षी दलों AIADMK, बीजेपी ने विधानसभा में वाकआउट किया. विपक्ष के नेता एडप्पादी के पलानीस्वामी ने दावा किया कि उन्हें विधानसभा में बोलने का मौका नहीं दिया गया और उन्होंने कहा कि AIADMK सरकार के कार्यकाल के दौरान शुरू की गई कल्याणकारी योजना को सत्तारूढ़ सरकार ने रोक दिया है.

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