Taj Mahal Gets Notice: ताजमहल को प्रॉपर्टी टैक्स और पानी बिल के लिए मिला 1 करोड़ का नोटिस

पहली बार, आगरा नगर निगम (Agra Municipal Corporation) ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को नोटिस भेजकर संरक्षित स्मारक ताजमहल (Taj Mahal) पर वाटर टैक्स (Water Tax) के रूप में 1.9 करोड़ रुपये और प्रॉपर्टी टैक्स (Property Tax) के रूप में 1.5 लाख रुपये का भुगतान करने को कहा है...

ताजमहल (Photo: Pixabay)

आगरा, 20, दिसंबर: पहली बार, आगरा नगर निगम (Agra Municipal Corporation) ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को नोटिस भेजकर संरक्षित स्मारक ताजमहल (Taj Mahal) पर वाटर टैक्स (Water Tax) के रूप में 1.9 करोड़ रुपये और प्रॉपर्टी टैक्स (Property Tax) के रूप में 1.5 लाख रुपये का भुगतान करने को कहा है. बिल वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 के हैं. एएसआई को 15 दिनों के भीतर बकाया राशि का भुगतान करने के लिए कहा गया है, ऐसा न करने पर ताजमहल को हथिया लिया जाएगा. यह भी पढ़ें: Haryana: 21 लाख रुपए आया छोटे से मकान का बिजली बिल, मालकिन ने बांटी मिठाई, VIDEO में देखें कैसे बजवाया ढोल

एएसआई अधीक्षण पुरातत्वविद् राज कुमार पटेल ने कहा, "स्मारकों पर प्रॉपर्टी टैक्स लागू नहीं है. हम पानी पर टैक्स का भुगतान करने के लिए भी उत्तरदायी नहीं हैं, क्योंकि इसका कोई व्यावसायिक उपयोग नहीं है. परिसर के भीतर हरियाली बनाए रखने के लिए पानी का उपयोग किया जाता है. पानी से संबंधित नोटिस और ताजमहल प्रॉपर्टी टैक्स नोटिस पहली बार प्राप्त हुआ है. यह गलती से भेजा जा सकता है."

देखें ट्वीट:

नगर आयुक्त निखिल टी फंडे ने कहा, "मुझे ताजमहल के टैक्स संबंधी कार्यवाही के बारे में जानकारी नहीं है. टैक्स की गणना के लिए किए गए राज्यव्यापी भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) सर्वेक्षण के आधार पर नए सिरे से नोटिस जारी किए जा रहे हैं. सभी परिसरों सहित, सरकारी भवनों और धार्मिक स्थलों पर बकाया राशि के आधार पर नोटिस जारी किए गए हैं. कानून की उचित प्रक्रिया के बाद छूट प्रदान की जाती है. एएसआई को जारी किए गए नोटिस के मामले में, उनसे प्राप्त प्रतिक्रिया के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी."

सहायक नगर आयुक्त एवं ताजगंज जोन की प्रभारी सरिता सिंह ने कहा, ताजमहल पर पानी एवं प्रॉपर्टी टैक्स के लिए जारी नोटिस के मामले की जांच की जा रही है. एएसआई के अधिकारियों ने कहा कि ताजमहल को 1920 में संरक्षित स्मारक घोषित किया गया था और ब्रिटिश शासन के दौरान भी स्मारक पर कोई प्रॉपर्टी या वाटर टैक्स नहीं लगाया गया था.

टाइम्स ऑफ इंडिया ने आगरा में एक वरिष्ठ नगरपालिका अधिकारी के हवाले से कहा कि नोटिस कैसे जारी की गई है, इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं. अधिकारी ने यह भी कहा कि एक प्राइवेट कंपनी सरकार के साथ अनुबंध पर नोटिस संसाधित कर रही थी.

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