मुंबई में स्वाइन फ्लू, डेंगू और मलेरिया का कहर, मरीजों की संख्या में हुआ बड़ा इजाफा- बरतें सावधानी
प्रतीकात्मक तस्वीर - डेंगू (Photo Credits: Pixabay)

मुंबई: आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) सहित पूरे महाराष्ट्र में स्वाइन फ्लू (Swine Flu) के मामले बढ़ रहे हैं. इसी के साथ डेंगू, मलेरिया के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है. बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने मंगलवार को कहा कि मुंबई में 1 अगस्त से 28 अगस्त के बीच स्वाइन फ्लू के लगभग 183 नए मामले, डेंगू (Dengue) के 147 मामले और मलेरिया (Malaria) के 736 मामले सामने आए. बीएमसी ने ब्योरा देते हुए कहा कि जुलाई की तुलना में मामलों में वृद्धि हुई है. जुलाई में स्वाइन फ्लू के 105 मामले, डेंगू के 61 मामले और मलेरिया के 563 मामले सामने आए थे. Ganesh Chaturthi 2022: मुंबई में आज से मचेगी गणपति बप्पा की धूम, BMC ने गणेशोत्सव के लिए तैयारियां पूरी की. 

महाराष्ट्र में इस साल एक जनवरी से 28 अगस्त के बीच स्वाइन फ्लू के 2,337 मामले सामने आए और 98 व्यक्तियों की मौत हो गई. इसके बाद सोमवार को राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से गणेश उत्सव में भाग लेने के दौरान सावधानी बरतने की अपील की. विभाग ने कहा कि ये मामले 19 जिलों में सामने आये हैं, जिनमें से 770 मामले और 33 मौतें पुणे में हुई हैं.

एक अधिकारी ने कहा कि मुंबई में 348 मामले मामले सामने आए हैं और तीन मौतें हुई हैं, जबकि पड़ोसी जिले ठाणे में 474 मामले और 14 मौतें हुई हैं. उन्होंने बताया कि इस अवधि के दौरान कोल्हापुर में 159 मामले और 13 मौतें दर्ज की गईं.

 लेप्टोस्पायरोसिस और गैस्ट्रो के मामले भी इस साल बढ़े 

लेप्टोस्पायरोसिस, गैस्ट्रो, डेंगू, हेपेटाइटिस और स्वाइन फ्लू के मामलों में एक साल पहले की तुलना में अगस्त 2022 में वृद्धि देखी गई. पिछले साल, मुंबई में लेप्टोस्पायरोसिस और डेंगू के कारण तीन-तीन मौतें हुई थीं. बीएमसी ने यह भी कहा कि पिछले महीने की तुलना में लेप्टोस्पायरोसिस, गैस्ट्रो और हेपेटाइटिस के मामलों की संख्या में कमी आई है.

1 से 28 अगस्त के दौरान, मुंबई में 61 लेप्टोस्पायरोसिस, 444 गैस्ट्रो और 51 हेपेटाइटिस के मामले दर्ज किए गए, जबकि जुलाई 2022 में 65 लेप्टोस्पायरोसिस, 697 गैस्ट्रो और 65 हेपेटाइटिस के मामले दर्ज किए गए.

बीएमसी ने जारी की गाइडलाइंस

बीएमसी ने दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि स्वाइन फ्लू को फैलने से रोकने और संक्रमण से बचने के लिए लोगों को छींकते या खांसते समय नाक और मुंह को ढंकना चाहिए, बार-बार साबुन और पानी से हाथ धोने चाहिए और आंख, नाक और मुंह को छूने से बचना चाहिए.

स्वाइन फ्लू के लक्षण और बचाव

लगातार बुखार, थकान, ठंड लगना, सिरदर्द, खांसना, गले में खराश, उल्टी, शरीर दर्द, नाक का बहना आदि स्वाइन फ्लू के लक्षण हैं. लक्षणों पर सावधानी से नजर बनाए रखें. स्वाइन फ्लू के कोई लक्षण दिखे या फिर आप संक्रमित मरीज के संपर्क में आए हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.