SC On Bulldozer Action: बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा बड़ा फैसला! देशभर में लागू होंगे सख्त नियम

आज सुबह सुप्रीम कोर्ट देशभर में विवादित "बुलडोजर एक्शन" पर एक ऐतिहासिक फैसला सुना सकता है, जिसमें राज्यों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे. कोर्ट की इस गाइडलाइन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी व्यक्ति के घर या दुकान को तोड़ने से पहले तय नियमों का पालन किया जाए. जस्टिस बी आर गवई और के वी विश्वनाथन की बेंच यह फैसला 10:30 बजे सुनाएगी, जिसमें स्पष्ट नियम-कायदे होंगे कि किसी भी संरचना को गिराने से पहले क्या प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए.

केस की पृष्ठभूमि 

बुलडोजर का उपयोग, खासतौर पर उत्तर प्रदेश सहित कुछ राज्यों में, एक विवादास्पद मुद्दा बन चुका है. कुछ मामलों में, जैसे कि अपराधों में आरोपी ठहराए गए व्यक्तियों के घरों को बुलडोजर से गिराने की घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने इसे "बुलडोजर न्याय" कहकर कड़ी आपत्ति जताई थी. कोर्ट ने चेताया कि अगर सरकार की ओर से मनमाने तरीके से संपत्तियों को गिराने का सिलसिला जारी रहा, तो यह कानून के शासन के सिद्धांतों का उल्लंघन होगा.

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियां

सितंबर 2023 में कोर्ट ने कहा था कि देश में कानून का शासन होना चाहिए, और किसी अपराध के लिए केवल आरोपी के परिवार को ही दंडित करना अनुचित है. कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर किसी व्यक्ति की गलती हो, तो उसकी संपत्ति को ध्वस्त करना कानून की मर्यादा का उल्लंघन है. इसके बाद नवंबर में एक और फैसले में कोर्ट ने पत्रकार मनोज तिब्रवाल के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया था, जिनका घर सड़क चौड़ीकरण प्रोजेक्ट के तहत गिरा दिया गया था.

संभावित दिशा-निर्देश 

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद, राज्यों के लिए यह अनिवार्य होगा कि बुलडोजर का उपयोग करते समय मानक नियमों का पालन करें. इन दिशा-निर्देशों के तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी संपत्ति को गिराने से पहले आवश्यक कानूनी प्रक्रियाओं का पालन हो और बुलडोजर का उपयोग अनुचित तरीके से या किसी विशेष व्यक्ति को लक्षित कर नहीं किया जाए.

इस फैसले के बाद देश में बुलडोजर के उपयोग को लेकर एक मानक प्रक्रिया स्थापित होने की उम्मीद है, जिससे लोगों के अधिकारों का संरक्षण होगा. कोर्ट का यह निर्णय कानून के शासन को सुदृढ़ करने और सरकारी तंत्र में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है.